मोदीनगर। (दिशा भूमि संवाददाता) शहर में सैकडों की संख्या में ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इन्हें बिजली से प्रति दिन चार्ज किया जाता है। इसके बाद भी इनके लिए शहर में एक भी चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध नहीं है। इसी लिए इन रिक्शों को अधिकतर चोरी की बिजली से चार्ज किया जा रहा है। इससे बिजली विभाग को लाखों रुपये का घाटा अधिकारियों की लापरवाही के चलते भुगतना पड़ रहा है। शहर में ई-रिक्शा संचालन से यात्रियों को सहुलियतें मिली हैं। वहीं लोगों को स्वरोजगार भी मिल रहा है। ई-रिक्शा की चार्जिंग आखिर कैसे हो ती है। इसे लेकर शहर में पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। इस दौरान रिक्शा चालकों से भी बात की गई। इससे पता लगा की शहर में करी ब पाच सौ से अधिक ई-रिक्शा विभिन्न मार्गों पर संचालित हैं। चार्जिंग स्टेशन न होना मुख्य समस्या ई-रिक्शा को बिजली से चार्ज किया जाता है। शहर में करीब पांच सौ से अधिक ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। उसके बाद भी बिजली विभाग ने एक भी चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए
कोई कदम नहीं उठाया है। यही स्थिति निवाड़ी, भोजपुर, फरीदनगर आदि कस्बों में बनी हुई है। चोरी की बिजली से चार्ज हो रही बैटरी शहर में कोई चार्जिंग स्टेशन नहीं होने से ई-रिक्शों को अधिकतर अवैध रूप से घरेलूर, कनेक्शनों पर ही चार्ज किया जा रहा है। एक ई-रिक्शा को चार्ज करने में सात से नौ घंटे का समय लगता है। इसमें भी रिक्शा चालक घरों पर बैटरी को पूरी रात लगा छोड़ देते हैं। अवैध चार्जिंग स्टेशन शुल्क लेकर चार्ज कर रहे बैटरी कुछ रिक्शा चालक बताते हैं वह बैटरी चार्ज करने के लिए शहर में बने करीब दो दर्जन से अधिक अवैध चार्जिंग स्टेशनों पर जाते हैं। यह स्टेशन गैराज, वर्कशाप या विक्रेताओं के यहां बने हुए हैं। इन पर प्रति रिक्शा की बैटरी चार्ज करने के 50 से सौ रुपये लिए जाते हैं।
रिक्शा चालक क्या कहते है
हरप्रकाश सिंह रिक्शा चालक कहते है कि रोजी, रोटी चलाने के लिए कुछ तो करना है। नौकरी तो मिलेगी नहीं। इसी लिए ई-रिक्शा चला रहे हैं। इनके लिए कोई चार्जिंग स्टेशन नहीं होने से इसे चार्ज करने में दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। ई-रिक्शा को चार्ज करने पर ही चलाया जाता है। एक बार फुल चार्ज होने पर यह दस घंटे या सौ किलो मीटर तक चल सकती है। इसके लिए शहर में चार्जिंग स्टेशन बनाने चाहिए। राम सिंह रिक्शा चालक कहते है कि चार्जिंग स्टेशन नहीं होने से रिक्शा चालकों को दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इन्हें चार्ज करने में काफी रुपया प्रतिमाह खर्च होता है। चार्जिंग स्टेशन बनने से रिक्शा चालकों को सहुलियतें और विभाग को राजस्व मिलेगा। मुकेश कुमार रिक्शा चालक का कहना है कि ई-रिक्शा की बैटरी को चार्ज करने के लिए अभी कोई चार्जिंग स्टेशन मोदीनगर तहसील में नहींे है। इस संबन्ध में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *