Water on Earth: इंसान हर रोज हजारों लीटर पानी पीने और अपने जरूरी काम को करने में इस्तेमाल करता है. कंपनियों में लाखों लीटर पानी की खपत प्रतिदिन होती है. इस खपत से क्या आने वाले समय में पानी की संकट आएगी? आज की स्टोरी में हम इस सवाल का जवाब नहीं देंगे, बल्कि आपको यह बताएंगे कि धरती पर कितना पानी मौजूद है. उससे ही आपको अंदाजा लग जाएगा कि पानी की संकट आएगी या नहीं. दरअसल, धरती पर लगभग एक तिहाई हिस्सा पानी से घिरा हुआ है. प्रतिशत में देखें तो 71% के बराबर होता है. उसमें से 1.6% हिस्सा जमीन के अंदर है और 0.001 प्रतिशत वाष्प और बादलों के रूप में मौजूद है. 

कितना लीटर है पानी?

धरती पर जो पानी मौजूद है उसमें से सबसे बड़ा हिस्सा सागरों और महासागरों का है, जो नमकीन पानी है. इसका इस्तेमाल पीने के लिए नहीं किया जा सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह कुल पानी का 97% है. सिर्फ 3% पानी ही पीने योग्य है. उसमें भी 2.4 प्रतिशत तो ग्लेशियरों और उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव में जमा है. बचा हुआ 0.6 प्रतिशत पानी नदियों, झीलों और तालाबों में है जिसे जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सकता है. बीबीसी में छपी एक खबर के मुताबिक, पृथ्वी पर कुल 32 करोड़ 60 लाख खरब गैलन पानी है. एक गैलन में करीब 4.54 लीटर पानी होता है. खास बात ये है कि ये मात्रा घटती-बढ़ती नहीं है. सागरों का पानी वाष्प बनकर आसमान में उड़ जाता है, बादल बनकर धरती पर बरसता है और फिर सागरों में चला जाता है. ये चक्र चलता रहता है.

पीने की पानी में आ रही कमी

धरती पर पीने के लिए पानी की मात्रा में रोज गिरावट देखी जा रही है. किसी भी ग्रह के तुलना में पृथ्वी पर सबसे अधिक पानी मौजूद है. दुनिया के बड़े-बड़े देश पानी को बचाने और ग्लेशियर को पिघलने से रोकने के लिए रोज अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं.
  
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