मोदीनगर। सर्दियों की अपेक्षा गर्मी में करीब 50 फीसद बिक्री पर सिमटने वाला अंडे का बाजार इस बार अलग दिख रहा है। कोरोना संक्रमण काल में इम्यून सिस्टम को मजबूती देने के लिए लोग अपनी प्लेट में इसे शामिल किए हुए हैं। इसलिए अब तक इस बार करीब 25 फीसद मांग कम हुई है। खपत कम होने का फायदा ग्राहकों को हुआ है। 6 रुपए में मिलने वाला अंडा अब 4 में बिक रहा है।
जनवरी-फरवरी में रोजाना करीब पांच लाख अंडे की खपत होती थी। इसके बाद मार्च में लाॅकडाउन हो गया गर्मी भी पड़ने शुरू हो गई थी, तो कारोबारियों का मानना है कि हर बार मार्च से बाजार हल्का होता है, और मई, जून तक पहुंचते बिक्री करीब 50 फीसद तक रह जाती है। इस बार लाॅकडाउन होने से रेस्टोरेंट होटल व ठेले भी नहीं लगे। बिक्री ज्यादा गिरने का अनुमान था।
मगर आवश्यक वस्तुओं में शामिल किया गया अंडा किराना आदि की दुकान पर मिलता रहा। अप्रैल और मई में अब तक लोग खरीद करते रहे। ऐसे में बाजार पर सिर्फ 25 फीसद प्रभाव पड़ा। इसके पीछे वजह पर पारस हाॅस्पिट्ल के डाॅ0 राजीव त्यागी कहते है कि अंडा इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसलिए लोग अभी भी इसे अपने नाश्ते में शामिल किए होंगे।
थोक कारोबारी सेवाराम अंडे़ वाले कहते है कि लॉकडाउन में रेस्टोरेंट और होटल बंद होने से खपत कम हुई। रेहडी और ठेलों पर भी अंडा नहीं बिक रहा है। मगर घरों में खपत बरकरार है। यही वजह है कि इस बार गर्मी और लाकडाॅउन के बावजूद करीब 25 फीसद कारोबार ही प्रभावित हुआ वैसे गर्मी में आधा कारोबार रह जाता है।
अंडा सस्ता और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। एक अंडे का आधे से अधिक प्रोटीन इसके सफेद भाग में पाया जाता है। जिसमें विटामिन बी-2 होता है। साथ ही इसमें जर्दी की तुलना में वसा भी शामिल होती है। अंडा सेलिनियम, विटामिन-डी बी- 6, विटामिन-12 के साथ खनिज तत्वों जैसे जिंक, आयरन और कॉपर का समृद्ध स्रोत है। इसकी जर्दी में सफेदी की तुलना में अधिक कैलोरी और वसा होती है।
एक वक्त था, जब अंडे की उपयोगिता दर्शाने वाला विज्ञापन दूरदर्शन पर रोजाना कई बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराता था। संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे की टैगलाइन के साथ आने वाले विज्ञापन की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है। वह भी ऐसे वक्त में जब हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। अंडा प्रोटीन, विटामिन और खनिज तत्वों से भरपूर होता है।