Modinagarमेरठ से मोदीनगर व गाजियाबाद के बीच में परिवहन विभाग की मिलीभगत से दर्जनों नीजी, डग्गामार बसों का संचालन परिवहन विभाग की बसों की तर्ज पर किया जा रहा है। जिससे सरकार को हर माह लाखों के राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है, वही इन बसों में यात्रा करने वाले यात्री भी कई बार धोखा खा जाते है।
बताते चले कि पिछले कई वर्षाें से मेरठ से मोदीनगर व गाजियाबाद के बीच में ऐसी दर्जनों नीजी व डग्गामार बसों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें उ0प्र0 परिवहन निगम की तरह के रंग, रोगन व उस पर यूपीएसआरटीसी लिखा होता है। इसके लिखे जाने से यात्री भ्रम में आते है ओर उ0प्र0 परिवहन निगम की बसे समझकर बैठ जाते है। इतना ही इन बसों के परिचालक यात्रियों से मेरठ तक का किराया वसूल करने के बावजूद उन्हें गोविंदपुरी मोदीनगर में उतार देते हैं और यहाँ से इसी तरह की दूसरी बसों में सवार कराते है, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, वही कहासुनी के साथ ही प्रतिदिन यात्रीयों व बसों के चालक व परिचालकों के बीच गहमा गहमी होती है। इस गोरखधंधें से जंहा राजस्व को लाखों की हानि हो रही है, वही परिवहन विभाग से लेकर पुलिस विभाग भी मौन बना हुआ है। जिससे प्रतीत होता है कि विभाग व पुलिस की बिना मिलीभगत के ऐसा संभव नही है। इस संबन्ध में परिवहन विभाग के अधिकारी से वार्ता करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नही हो सकी।

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