मोदीनगर। तैनाती को लेकर सरकार के नए आदेश से ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम विकास अधिकारियों में खलबली मच गई है। सबसे अधिक परेशानी सालों से मलाईदार पंचायतों में जमे पड़े लोगों को हो रही है। अब उन्हें यह मलाईदार पंचायतें जाने का डर सता रहा है। इस सप्ताह सभी की कुंडली खगाली जायेंगी। नए आदेश के मुताबिक करीब 70 फीसद सचिवों के क्षेत्र बदल जाएंगे। एक सचिव को अब अधिकतम 10 हजार की आबादी की ही जिम्मेदारी मिल सकेगी। शासन से भी इस आदेश के हिसाब से रिपोर्ट तलब की गई है।
यह हैै मामला
ब्लाक भोजपुर की अगर बात की जाएं तो यंहा कृल 47 ग्राम पंचायत हैं। हर एक ग्राम पंचायत में प्रधान के साथ एक ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम विकास अधिकारी की भी तैनाती होती है। यह दोनों संयुक्त रूप से पंचायतों में विकास कार्य कराते हैं। ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत सचिवों व ग्राम विकास अधिकारियों की तैनाती में निम्नस्तर से लेकर उच्चस्तर से इनकी तैनाती में जमकर अनियमिताएं होती हैं। किसी सचिव को तो 5-5पंचायतें आवंटित कर दी जाती हैं। वहीं, किसी सचिव को मुश्किल से एक दो  पंचायतें ही मिल पाती हैं। ऐेसे में पिछले दिनों शासन स्तर से एक नया आदेश आ गया है। अब एक सचिव पर औसतन 10 हजार आबादी को संभालने की जिम्मेदारी रहेगी। इसमें कितनी भी पंचायतें हो सकेंगी। ऐसे में डीपीआरओ ने ब्लाक भोजपुर से भी इसी हिसाब से तैनाती को लेकर प्रस्ताव मांगे हैं। इनके आते ही सचिवों की तैनाती में फेरबदल शुरू हो जाएगा। इस नए आदेश से कई सचिवों के चेहरों की हवाईयां उड़ गई हैं। संगठन में भी खलबली है। सूत्रों की मानें तो कई सचिव ऐसे हैं, जो इस आदेश के हिसाब से कई-कई गुना अधिक आबादी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसे में अब उनसे पंचायतें छिननी तय हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *