Home Gonda News Mankapur : बिजली विभाग अपने कर्मचारियों को बचाने में लगा विद्युत विभाग, नहीं दे रहा आरटीआई का जवाब

Mankapur : बिजली विभाग अपने कर्मचारियों को बचाने में लगा विद्युत विभाग, नहीं दे रहा आरटीआई का जवाब

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विद्युत विभाग दो माह पूर्व जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी देने में आनाकानी कर रहा है।जिससे उसकी मिलीभगत की पोल खुल रही है। यह हाल तब है कि जब उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के उपसचिव ने अधीक्षण अभियंता ने भी संबंधित अधिकारियों को सूचना मुहैया कराने का निर्देश दिया, लेकिन अधिकारी हैं कि सूचना देने को तैयार नहीं हैं। इससे साफ है कि विभाग सफेदपोशों को बचाना चाह रहा है।मामला यह है कि ग्रामीण अखिलेश कुमार पुत्र राजेश्वरी प्रसाद ने विद्युत जे०ई०पर आरोप लगाते हुए तहसील दिवस में कमिश्नर को शिकायती पत्र सौंपा था।

Disha Bhoomi
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मनकापुर विकासखंड के गुनौरा गांव निवासी अखिलेश कुमार पुत्र राजेश्वरी प्रसाद ने दिए गए शिकायती पत्र में कहां है कि ग्राम पंचायत गुनौरा विद्युत खंड मनकापुर में मंदिर के लिए विद्युत लाइन दिया गया था। उक्त लाइन को विभाग में तैनात जूनियर इंजीनियर बृजनंदन यादव की मिलीभगत से भूपेंद्र कुमार उर्फ कप्तान पुत्र शिवपूजन द्वारा पूर्व में लगे स्थान से विद्युत पोल व ट्रांसफार्मर को उखाड़ कर अपने घर के पीछे लगा दिया है। जबकि उक्त लाइन मंदिर के लिए बनाई गई थी। शिकायती पत्र में यह भी कहा गया है कि विगत 2 वर्षों के अधिक समय से भूपेंद्र कुमार उर्फ कप्तान विद्युत कनेक्शन लिए बिना एसी चला रहा है। उक्त मामले पर अखिलेश कुमार ने 13 अगस्त 2020 को अधिशासी अभियंता उपखंड मनकापुर से 7 बिंदु पर जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 धारा 06 के अंतर्गत जानकारी मांगी थी।शिकायतकर्ता अखिलेश कुमार के अनुसार 21 अक्टूबर 2020 को आयुक्त देवीपाटन मंडल गोंडा एवं अधीक्षण अभियंता विद्युत देवीपाटन मंडल को उक्त मामले में भी शिकायत किया गया था।

उस मामले के दौरान भी आयुक्त देवीपाटन मंडल ने मंडल अधीक्षण अभियंता विद्युत को परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगा शिकायतकर्ता ने उक्त प्रकरण को अपने स्तर से जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध आवश्यक कारवाही कराकर व्यक्तिगत विद्युत लाइन को हटाकर मंदिर के पास लगाए जाने की मांग की है। जिससे गांव के पूर्वी छोर पर रह रहे लोगों को विद्युत लाइन का लाभ मिल सके। मगर दो माह बाद भी विद्युत विभाग द्वारा जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी उपलब्ध कराया नहीं जा सका।

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