गाजियाबाद पुलिस ने पुलिस में नौकरी लगवाने का झांसा देकर तीन लाख रुपये ठगने के मामले में कोर्ट के आदेश पर तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। इस संबंध में शिवपुरी कॉलोनी में रहने वाले यादराम (87) ने कोर्ट में अर्जी डाली थी। पीड़ित का आरोप है कि आरोपियों ने गाजियाबाद में तैनात इंस्पेक्टर को रिश्तेदार बताते हुए पोते की नौकरी लगवाने का झांसा दिया।
बुजुर्ग यादराम का कहना है कि उनके छोटे बेटे व पुत्रवधु की वर्ष 2010 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उनकी देखभाल के लिए उनके पास पोता ईतेश रह गया। वर्ष 2016 में गांव कनोरा बुलंदशहर निवासी पवन उनके पास किराए पर रहने लगा। उसके माध्यम से उनकी जान-पहचान थाना बन्ना देवी, अलीगढ़ के नई बस्ती निवासी रूपेश कुमार से हुई। एक दिन रूपेश व पवन ने कहा कि उनके एक रिश्तेदार इंस्पेक्टर गाजियाबाद में तैनात हैं। उनके जरिये वह उनके पोते की पुलिस में नौकरी लगवा देंगे। इसके लिए उन्होंने उनसे 3 लाख 51 हजार रुपये का इंतजाम करने को कहा। पीड़ित का कहना है कि पोते के भविष्य को देखते हुए उन्होंने आरोपियों को पैसे दे दिए। आरोपियों ने उन्हें स्टांप पर लिखकर दिया था कि वह रकम रुपये उधार ले रहे हैं और एक महीने में वापस कर देंगे।

कई महीने बाद भी नौकरी न लगने पर उन्होंने रकम मांगी तो आरोपी टरकाने लगे। पुलिस में शिकायत करने पर आरोपियों ने 50 हजार रुपये दिए और बाकी रकम 30 अक्तूबर 2019 तक वापस करने का आश्वासन दिया। तगादा करने पर आरोपियों ने एक चेक दिया जो बाउंस हो गया। इसके बाद आरोपी धमकी देने लगे कि पैसे मांगने पर उनकी व उनके पोते की हत्या कर दी जाएगी। पीड़ित यादराम का कहना है कि उन्होंने पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। एसएचओ महावीर सिंह का कहना है कि पवन, रुपेश व बिजेंद्र के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

 

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