गाजियाबाद, भ्रूण लिग जांच पर प्रतिबंध है, इसके बावजूद चोरी छिपे ऐसा किया जाता है। जिसकी वजह से भ्रूण हत्या की घटनाएं होती हैं। इनको रोकने के लिए शासन द्वारा मुखबिर योजना चलाई जा रही है, अब गर्भवती होमगार्ड और आशा बहुओं को भ्रूण लिग जांच करने वालों का पता लगाने के लिए अंडर कवर एजेंट बनाकर अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर भेजा जाएगा।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए दिसंबर के अंत में और जनवरी की शुरूआत में प्रत्येक ब्लाक पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आशा बहुओं और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को घर- घर जाकर लोगों को जागरूक करने के लिए कहा जाएगा। इस दौरान ही गर्भवती आशा बहुओं को अंडर कवर एजेंट बन भ्रूण लिग की जांच करने वालों को पकड़ने के लिए कहा जाएगा।

भ्रूण लिग की जांच करने वालों का पता लगाने के लिए जांच करने वालों को रुपये का लालच भी देना पड़ता है। इसके अलावा उनसे खतरा भी रहता है। जिस वजह से महिलाएं मुखबिर योजना का हिस्सा बनने से इन्कार कर देती हैं। क्योंकि केस दर्ज होने पर रुपये भी जमा कर लिए जाते हैं, जिसे वापस लेने के लिए कोर्ट के आदेश होने जरूरी होते हैं। अधिकारियों ने इस वजह से आशा बहुओं और महिला होमगार्ड को अंडर कवर एजेंट बनाने की तैयारी की गई है।

प्रदेश में पहली बार भ्रूण लिग जांच करने वालों की शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर गाजियाबाद में जारी किया जाएगा। शिकायत करने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा। शिकायत मिलने पर एक योजना बनाकर जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटर पर कार्यवाही की जाएगी। जिससे की कोख में बेटियों की हत्या न हो। प्रदेश में पहली बार गाजियाबाद में इसकी शुरूआत होगी। भ्रूण लिग की जांच कराने वालों को पकड़ने के लिए जल्द ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा।

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