गाजियाबाद : नौकरी के नाम पर ठगी करने वालों ने सीबीआई केनाम का भी इस्तेमाल कर डाला। खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर बताने वाले महेंद्रगढ़ हरियाणा निवासी अजीत यादव ने सीबीआई में दरोगा केपद पर भर्ती कराने के नाम पर जौरीकलां, जमौला गुरुग्राम निवासी नितेश से लाखों रुपये ऐंठकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। नितेश प्रशिक्षण के लिए गाजियाबाद सीबीआई एकेडमी पहुंचे तो वहां फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। सीबीआई केडीएसपी एवं कोर्स डायरेक्टर राजीव कुमार ऋषि ने कविनगर थाने में सीबीआई के कथित इंस्पेक्टर अजीत यादव के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
दर्ज रिपोर्ट में राजीव कुमार ऋषि ने बताया कि वह 24वें बैच के प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों के कोर्स डायरेक्टर हैं। दोपहर करीब 12 बजे उन्हें सूचना मिली कि एक व्यक्ति उपनिरीक्षक की ट्रेनिंग के लिए आया है। पूछताछ में उसने अपना नाम नितेश निवासी जौरीकलां, जमौला गुरुग्राम बताते हुए कहा कि उसका चयन सीबीआई में उपनिरीक्षक के पद पर हुआ है और वह प्रशिक्षण लेने आया है। युवक से नियुक्ति पत्र मांगा गया तो उसने चार पन्नों की फाइल थमा दी। प्रारंभिक प्रथम पृष्ठ पर तिरुअनंतपुरम में तैनात एसपी सीबीआई (एससीबी) नंदकुमार नैय्यर के हस्ताक्षर थे। पहली नजर में ही पहला व दूसरा पेज किसी एफआईआर का हिस्सा दिखाई दे रहा था। पेज नंबर 3 व 4 किसी आवेदन का प्रोफार्मा था, जिसे भरा गया था।
युवक के पिता से हुई रुपयों की डीलिंग
नितेश ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा निवासी अजीत यादव ने खुद को सीबीआई इंस्पेक्टर बताया था। उसने ही उसे सीबीआई में उपनिरीक्षक केपद पर भर्ती कराने का झांसा दिया था। नितेश के मुताबिक, उसे उक्त दस्तावेज जनवरी से अक्तूबर केबीच इंस्पेक्टर अजीत यादव ने ही दिए थे। अजीत ने नौकरी के नाम पर लाखों रुपये हड़प लिए। सीबीआई के कोर्स डायरेक्टर का कहना है कि नितेश यह नहीं बता सका कि अजीत यादव ने उसकी नौकरी के बदले कितनी रकम ली है। उसका कहना है कि अजीत पैसों की डीलिंग उनके पिता से कर रहे थे।
सीबीआई की लिस्ट में नहीं नितेश नाम का व्यक्ति
डीएसपी राजीव कुमार ऋषि ने रिपोर्ट में बताया है कि चयन प्रक्रिया के बाद सीबीआई की वेबसाइट पर सफल अभ्यर्थियों की सूची अपलोड की गई थी। उसे देखने पर नितेश नाम का कोई सफल अभ्यर्थी सूची में नहीं मिला। वहीं, नितेश ने बताया कि सीबीआई में नौकरी के नाम पर उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। एक चाय वाला इस बात का गवाह है कि उक्त दस्तावेज उसे सीबीआई इंस्पेक्टर अजीत यादव ने ही दिए थे।