गाजियाबाद शहर के बीचों बीच नेहरू नगर में करीब एक हजार फ्लैट की ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनाने की कवायद तेज हो गई है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) यहां मौजूद नौ हजार 500 वर्ग मीटर जमीन का भू-उपयोग आवासीय में परिवर्तित करने के लिए इस प्रस्ताव को 18 फरवरी को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में रखेगा।
जीडीए बनने के वक्त नेहरू नगर में 9 हजार 500 वर्ग मीटर जमीन पर प्राधिकरण ने अपने गोदाम बनाए थे। इस भूखंड पर चार से पांच गोदाम हैं। उस वक्त इन गोदामों में प्राधिकरण का सामान रखा जाता था, क्योंकि उस वक्त प्राधिकरण खुद ही विकास कार्य कराता था, लेकिन वक्त के साथ व्यवस्थाएं बदल गई हैं। अब जीडीए ठेकेदारों के माध्यम से विकास कार्य कराता है। ऐसे में यह गोदाम कई सालों से खाली पड़े हैं। अब जीडीए इन गोदामों के भूखंड पर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनाने की योजना बना रहा है। जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि प्राधिकरण की 18 फरवरी को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में इस भूखंड के भू उपयोग को परिवर्तित करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इस प्रस्ताव के पास होने के बाद भूखंड का भू-उपयोग आवासीय कर दिया जाएगा। फिर यहां करीब एक हजार फ्लैट बनाने की योजना तैयार होगी।
इस योजना में टू और थ्री बीएचके फ्लैट होंगे। अधिकारियों का कहना है कि फ्लैट में कमरों के अलावा स्टडी और स्टोर रूम देने की भी योजना है। बालकनी में भी पर्याप्त जगह छोड़ी जाएगी।
जीडीए अधिकारी बताते हैं कि 18 फरवरी को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में इस भूखंड का भू-उपयोग परिवर्तित करने का प्रस्ताव पास होने के बाद प्राधिकरण सबसे पहले यहां बने सभी गोदामों को तुड़वाएगा। साथ ही इन गोदामों में जो भी थोड़ा बहुत सामान है, उसे अन्य साइट पर रखवाया जाएगा। फिर इसका मलवा हटवाकर यहां नया ग्रुप हाउसिंग का प्रोजेक्ट लाया जाएगा। जीडीए ने अभी तय नहीं किया है कि यह प्रोजेक्ट निजी डेवलपर्स से तैयार कराया जाएगा या प्राधिकरण खुद बनवाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि यहां गोदाम होने के कारण इस भूखंड की चारदीवारी हो रखी है। इस कारण इस जमीन पर भू-उपयोग परिवर्तित करने के अलावा कोई विवाद नहीं है।
जीडीए इससे पहले भी शहर के बीचोंबीच अपार्टमेंट बना चुका है। यह अपार्टमेंट नया गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पास बनाया गया है। जल्द ही इसका कब्जा दिया जाएगा।
”नेहरू नगर में जीडीए के गोदाम की जमीन है। इसका भू-उपयोग आवासीय में परिवर्तित कराए जाने के लिए प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद यहां एक हजार से ज्यादा फ्लैट की नई ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनाए जाने की योजना है।” – संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए