Disha Bhoomi

Modinagar शहर में करीब एक दर्जन से अधिक स्थानों पर गणेशोत्सव का आयोजन विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा किया जा रहा है। कोरोना की बंदिशों से मुक्त होकर दो वर्ष बाद पंडालों में पूरे विधि विधान से गणपति महाराज को विराजमान किया गया है। शहर में दर्जनों स्थानों पर होने वाले गणेशोत्सव का उत्साह इस बार शहर को महाराष्ट्र की तर्ज पर होने वाले महोत्सव जैसा माहौल है।
भगवान श्री गणेश के भक्तों ने इस बार गणपति महाराज के कई रूपों को पंडाल में विराजमान किया ह। दर्जनों स्थानों पर गणपति महाराज को आजादी के अमृत महोत्सव की तर्ज पर राष्ट्रीय ध्वज के रंग में रंगा गया है ओर वहीं, गणपति महाराज इस बार कोतवाल, शेषनाग जैसे मनोहारी स्वरूप में भक्तों को दर्शन दें रहे है।
गणेशोत्सव में शहर के हर पंडाल में गणपति महाराज के विभिन्न रूपों के दर्शन भक्तों को हों रहे है। शहर में कई स्थानों पर आजादी के अमृत महोत्सव थीम पर गणपति महाराज तिरंगा रंग में रंगे है। वहीं शहर के कोतवाल रूप में भी भक्तों को दर्शन मिलेंगे। दो वर्ष बाद गणपति महाराज मूर्तिकारों के विघ्न को हर रहे हैं। इस बार बड़ी प्रतिमाओं की मांग ज्यादा आ रही है। वहीं, घरों में स्थापित करने के लिए बाल गणेश के विभिन्न रूप की प्रतिमाएं भी तैयार की जा रही है। मूर्तिकार बालकृष्ण ने बताया कि इस बार गणपति महाराज के मयूरेश्वर, सिद्धिविनायक, बल्लासेश्वर, वरद विनाय, चिंतामणि थेऊर, गिरिजात्मज, विघ्नश्वर और महागणपति के रूप की प्रतिमाएं बनाई जा रही है। कई परिवारों से गणपति के दगडू सेठ रूप की छोटी-छोटी प्रतिमाएं बनाने के लिए आर्डर मिल रहे हैं। इसके साथ ही इको फ्रेंड्ली प्रतिमाओं की मांग भी तेजी से बढ़ी है। कई आर्डर इको फ्रेंड्ली बनाने के आर्डर मिल चुके हैं। उम्मीद है इस बार पिछले वर्षों में हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी
300 से 50 हजार तक के गणपति महाराज
गणेशोत्सव के उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बाजार में इस बार छोटी प्रतिमाएं 300 से शुरू होकर 3000 हजार तक रुपये में मिल रही हैं। वहीं, बड़ी प्रतिमाओं के मूल्य उनके ऊंचाई के आधार पर तय हो रहे हैं। मूर्तिकार हरभजन सिंह राठोर ने बताया कि शहर से कई बड़ी प्रतिमाओं की मांग हुई। जिनके मूल्य 50 हजार तक रहेंगे।

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