मोदीनगर। शिक्षाविद् व प्रमुख समाजसेवी डॉ0 अरुण त्यागी  ने कहा कि जैसा कि हम सब जानते हैं नियमित व्यायाम से अवसाद चिंता और गुस्से में कमी होती है, जीवन की गुणवत्ता से हमारा तात्पर्य है कि हम हमारा जीवन कैसे जीते हैं। हमारा स्वास्थ्य कैसा है, यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक यानी स्वस्थ है तथा जीवन का आनंद उठा रहे है, तब यह कहा जा सकता है कि हम उच्च गुणवत्ता वाला जीवन जी रहे हैं।
डॉ0 अरुण त्यागी ने कहा कि इसके विपरीत यदि हम बीमार हैं तथा हमारा शरीर समुचित रूप से कार्य नहीं करता। तो हम कह सकते हैं कि हम उच्च गुणवत्ता वाला जीवन नहीं जी रहे हैं। जीवन की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि हम कितना खुशहाल जीवन जी रहे हैं। जीवन की गुणवत्ता बड़ी महत्वपूर्ण है। जिनमें मनोवैज्ञानिक स्वच्छता इससे हमारी सोच में सकारात्मक सुधार होता है, तथा जीवन में संतुष्टि मिलती है। शारीरिक स्वच्छता के क्रियाकलाप से व्यक्ति की शारीरिक शक्ति गति सहनशीलता और फिटनेस में बढ़ोतरी होती है।  पोस्टिक आहार इससे हमें उचित प्रकार का आहार लेने की आदत पड़ती है, बच्चों को और बड़ों को चाहिए कि वह पोस्टिक आहार लें और जंक फूड से दूर रहें। सबसे महत्वपूर्ण विषय है आलस्य दूर रहना क्रियाकलापों के अभ्यास से हम आलस्य से दूर रहते हैं, अच्छे स्वास्थ्य में वृद्धि से हमारे शरीर की सहनशक्ति कार्य करने की क्षमता एवं शारीरिक फिटनेस में सुधार होता है इस प्रकार हम कह सकते हैं व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता की एक महत्वपूर्ण भूमिका है जो उसे अच्छे विचार अच्छे स्वास्थ्य और अच्छी सोच के लिए प्रेरित करता है और अपने जीवन को सुंदर और व्यवस्थित तरीके से यापन करने में विशेष मददगार साबित होता है

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