Modinagar। मई माह भले ही बीतने को हो, लेकिन गर्मी और धूप की वजह से पारा निरंतर बढ़ रहा है। अचानक तेजी के साथ गर्मी का पारा सातवे आसमान पर चढ़ने से हर कोई अपने सेहत के फिक्रमंद हो गया है। उल्टी, दस्त, बुखार, खांसी के साथ डायरिया जैसी बीमारी ने पैर पसारने शुरू कर दिए है। गर्मी से बचने के लिए जहां लोग घरो में कैद होने लगे है, वहीं भरी दोपहर में सडकों पर भी सन्नाटा पसरने लगा है। ऐसे में इससे बचाव के सरल तरीके अपनाने होगे। चिकित्सक की माने तो गर्मी से बचाव के जहां तक हो सकें तो सूती और ढीले वस्त्र पहने और तरल पदार्थ का सेवन करें, बासी भोजन से परहेज जरूरी है।
इस समय गर्मी और धूप को देखते हुए हर शख्स के जुबान पर उफ गर्मी, हाय-हाय गर्मी सुनने को मिलेगा। गुरूवार को भी तापमान अपनी पूरी चरम सीमा पर रहा। जिसके चलते मुख्य मार्ग से लेकर गल्ली मौहल्ले की सड़कें तक सुनी रही। उधर सरकारी अस्पताल से लेकर नीजी अस्पतालों में उल्टी, दस्त, खांसी और बुखार के मरीजों की लंबी लाइने लगी हुई है। डाॅ0 सतिश त्यागी व डाॅ0 राजीव त्यागी का कहना है कि अचानक गर्मी बढ़ने से इस तरह की बीमारियों से लोगों को दो-चार होना पड रहा है। इसलिए हमे ताजा भोजन सेवन करना चाहिए वहीं बासी भोजन से परहेज करना चाहिए। तरल पदार्थो का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करते रहना चाहिए। सडे-गले फल को इस्तेमाल में न लाए। और हो सके तो सूती और ढीले वस्त्रों का प्रयोग करे।
गर्मी से बचाव के ये है तरीके
1. मौसमी बीमारी से बचने के लिए उबले पानी का प्रयोग करे।
2. नारियल पानी, नीबू, शिकंजी, छाछ, मट्ठा स्वास्थ्य के लिए है ज्यादा लाभदायक।
3. बाजार में गन्ने का रस पीने से बचे, शुद्ध न होना स्वास्थ्य के लिए है हानिकारक।
4. गर्मी के मौसम में काले और गाढे रंग के कपडों का पहनने में नही करे इस्तेमाल।
5. कोशिश करे की अधिक धूप से बचे, या फिर बारि निकलने पर छाते का करे प्रयोग।
6. शौच जाने के बाद साबुन से हाथ धोए, स्वच्छता का रखे ध्यान।
7. शरीर में पानी और नमक की कमी नही होने दे।
8. बर्फ के पानी का प्रयोग करने से करे परहेज।
9. गर्मी के मौसम में सुराही और घडे के पानी का ज्यादा लाभ उठाए।
10. सर्दी जुमाम व बुखार होने पर प्रशिक्षित चिकित्सक से कराएं उपचार।