Modinagar | तहसील अन्तर्गत गांव सीकरीखुर्द व सीकरीकला आदि गांव व उसके आसपास की कॉलोनियों की करीब 18 सौ बीघा जमीन को तहसील प्रशासन की रिपोर्ट पर शत्रु संपत्ति अभिकरण ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है। प्रशासान की इस एक तरफा कार्रवाही से क्षेत्र की करीब 50 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित है, और कई माह से प्रभावित लोग आंदोलनरत है। राजस्व प्रशासन की इस कार्रवाही से खफा होकर हजारों की संख्या में लोग घर से बेघर होने को मजबूर हो रहें है। इन लोगों का दिन का चैन व रात की नींद भी हराम हो रही है। लोग अधिकारियों से गुहार लगा लगाकर थक चुके हैं, लेकिन किसी भी स्तर से अभी तक लोगों को राहत मिलती नजर नही आ रही है। इस प्रकरण में लोग सांसद से लेकर तमाम जनप्रतिनिधियों से भी मिल चुके हैं। दिसंबर के अंत में नगर पालिका का चुनाव होने की पूरी पूरी संभावना है। सीमा विस्तार होने के बाद गांव सीकरीखुर्द व सीकरीकला व उसके आसपास की कॉलोनियां नगर पालिका सीमा क्षेत्र का हिस्सा बन गई हैं। ऐसे में आने वाले चुनाव में स्थानीय लोग इसको मुद्दा बनाने में लगेे हैं। लोगों ने नगर पालिका व लोकसभा चुनाव के बहिष्कार के पोस्टर, बैनर भी गांव के प्रवेश द्वार व अपने घरों के बाहर चस्पा कर दिए है। पोस्टर, बैनर में उन्होंने लिखा है कि यहां कोई भी नेता वोट मांगने के लिए न आए और वे किसी को भी चुनाव में वोट नहीं करेंगे। इतना ही नहीं, लोग इंटरनेट मीडिया के जरिये भी अपनी भड़ास निकाल रहें हैं।
कार्रवाही के नाम पर औपचारिकता
गतदिनों पूर्व शत्रु संपत्ति की कार्रवाही से प्रभावित लोगों ने तहसील पर अनिश्चितकालीन धरना दिया था। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को पूरा मामला गृह मंत्रालय के अधीन होने की बात कहते हुए उनको गृह मंत्रालय जाने की सलाह दी थी। सात सौ से ज्यादा लोग इस मामले में गृह मंत्रालय गए। गृह मंत्रालय की शत्रु संपत्ति अभिकरण इकाई में इसकी जांच प्रशासन को सौंपी। तहसील के अधिकारी इसमें प्रभावित लोगों से साक्ष्य मांग रहें हैं। हालांकि, महीनों बीतने के बाद भी एक भी मामले को अभी तक प्रशासनिक स्तर पर निस्तारित नहीं किया गया है। ऐसे में लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद भी न के बराबर है। इस संबन्ध में एसडीएम शुभांगी शुक्ला ने बताया कि शत्रु संपत्ति अभिकरण से सात सौ से ज्यादा जांच आई हुई हैं। लोगों का पक्ष सुनने के लिए तहसील में अलग से व्यवस्था की गयी है। मामला गंभीर है। इसलिए जल्दबाजी में किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकता। पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
इस पूरे आंदोलन की कमान संभाल रहें पूर्व जिला पंचायत सदस्य व बसपा नेता डॉ0 बबली गुर्जर कहते है कि मामले में प्रशासनिक स्तर पर लोगों की अनदेखी हो रही है। जनप्रतिनिधियों के स्तर पर भी कोई मदद नहीं की जा रही। इसलिए नगर पालिका व लोकसभा चुनाव का प्रभावित लोगों द्वारा पूर्णतय बहिष्कार किये जाने का निर्णय लियाा गया है। डॉ0 गुर्जर ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि व सरकार भी प्रभावित लोगों के हितों की अनदेखी कर रही हैं। इस सारे प्रकरण को लेकर शीघ्र ही बड़ें आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। लोगों की समस्या का निस्तारण न होने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने का मजबूर होना पड़ेंगा। उन्होंने कहा कि इस सारे मामले को लेकर प्रभावित लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगा और मोदीनगर तहसील प्रशासन की इस कार्रवाही का पूरा ब्योरा साैंपा जायेंगा।