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Mumbai – एनसीपी चीफ शरद पवार के मुंबई स्थित घर ‘सिल्वर ओक’ के बाहर प्रोटेस्ट करने वाले महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के 107 कर्मचारियों को पुलिस ने देर रात अरेस्ट कर लिया है। मुंबई के गांवदेवी पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में इनपर हिंसा की साजिश रचने और दंगे से जुड़े हालात तैयार करने से जुड़ी धाराएं लगाई गई हैं। अरेस्ट करने के बाद इन सभी लोगों के स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए गए हैं।
आज एनसीपी के कार्यकर्ता और नेता राज्य भर में इस घटना के विरोध में मूक मोर्चा निकालने वाले हैं। वहीं, मुंबई में एसटी के कर्मचारी फिर एक बार प्रोटेस्ट करने के लिए मुंबई के सीएसएमटी स्टेशन पर पहुंचे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को माना नहीं जाता वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। उनके प्रदर्शन के ऐलान को देखते हुए मुंबई में सार्वजनिक स्थानों पर भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई है।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से फोन पर बात की। इसके बाद पुलिस आयुक्त संजय पांडे से बात की। उन्होंने पुलिस आयुक्त से पवार की सुरक्षा तैयारी को लेकर चिंता और असंतोष जताया। इसके बाद इस मामले की उच्च स्तरीय पुलिस जांच शुरू की गई और केस दर्ज हुआ।
मुंबई पुलिस यह जांच कर रही है कि साजिश के तहत तो आंदोलनकारियों को भड़काया नहीं गया। इस बीच पुलिस ने कर्मचारियों के वकील गुणरत्न सदावर्ते के घर पहुंच कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। कुछ देर में अन्य आरोपियों को गिरगांव कोर्ट में पेश किया जाएगा। इन पर आईपीसी की धारा 120- ब और 353 के तहत केस दर्ज किया गया है। इन दोनों ही धाराओं में जमानत मिलना मुश्किल होती है।
इस बीच गुणरत्न सदावर्ते की पत्नी जयश्री पाटील ने आरोप लगाया है कि पुलिस भिजवा कर शरद पवार उनके पति से बदला ले रहे हैं। गुणरत्न ने भी गांव देवी पुलिस स्टेशन में अंदर जाते वक्त मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें बिना कुछ बताए पुलिस स्टेशन लाया गया। उनकी जान को खतरा है और उन्हें कुछ हुआ तो इसके लिए महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील जिम्मेदार होंगे।
पुलिस के हाथ वकील गुणरत्न सदावर्ते के भाषणों के कुछ क्लिप्स लगी हैं। कर्मचारियों को भड़काने के लिए इन्हीं क्लिप्स को जिम्मेदार मानना जा रहा है। उन्होंने अपने गुरुवार के एक भाषण में 12 अप्रैल को बारामती जाकर शरद पवार की पोल खोलने का आह्वान किया था।
इस प्रोटेस्ट को लेकर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि वे एसटी कर्मचारियों के साथ खड़े हैं, लेकिन उनके पीछे के गलत नेतृत्व के विरोध में हैं। अगर आंदोलन का नेतृत्व गलत होता है तो आंदोलन इसी तरह भटक जाता है। उन्होंने कहा, ‘पिछले 50 सालों से मैंने राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों के आंदोलन का नेतृत्व किया है। लेकिन आंदोलन का यह मोड़ लेना गलत नेतृत्व का नतीजा है।’
शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने उनके मुंबई स्थित घर के बाहर राज्य परिवहन के कर्मचारियों द्वारा घेराव किए जाने और पत्थर-चप्पलें फेंके जाने की घटना की कड़ी आलोचना की है। एनसीपी ने कहा है कि महाराष्ट्र की आंदोलन करने की ऐसी परंपरा और संस्कृति नहीं रही है।
पिछले 6 महीनों से राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी एनसीपी चीफ शरद पवार के घर के बार दोपहर 3 बजकर 20 मिनट पर पहुंचे और चोर-चोर कह कर जोरदार नारेबाजी और पत्थर बाजी करने लगे। आंदोलनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं। प्रदर्शनकारी ‘चप्पल मारो, चूड़ियां तोड़ों’ का नारा लगा रहे थे। शरद पवार को चोरों का सम्राट कहा जा रहा था और उन्हें आंदोलन में अब तक हुई 120 कर्मचारियों की मौत का जिम्मेदार बताया जा रहा था।
इसके बाद कुछ आंदोलनकारियों ने सिल्वर ओके में पथराव और चप्पलें फेंकना शुरू कर दिया। यह आक्रामक प्रदर्शन करीब दो घंटे तक चला। जिस वक्त ये प्रदर्शनकारी वहां मौजूद थे, शरद पवार घर पर ही थे। इस बीच सुप्रिया सुले आंदोलनकारियों के बीच पहुंचीं और हाथ जोड़ कर शांति से बातचीत करने की अपील की। लेकिन प्रदर्शनकारियों पर सुप्रिया की अपील का कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद वह घर के अंदर चली गईं।

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