Modinagar। जल में औद्योगिक क्षेत्रों से आने वाला कैमिकलयुक्त का शोधन तेजी से बढ़ रहा है। जिस कारण से पेयजल में जानलेवा माने जाने वाले तत्व आर्सेनिक की मात्रा भी लगातार बढ़ रही है। यह वो तत्व है जिसका कुछ प्रतिशत मात्रा हम अपने पीने के पानी के साथ रोजाना ले रहे है। खतरनाक बात यह है कि आर्सेनिक की पेयजल में बढ़ती मात्रा अब लोगों के दिमाग और हड्डियों को भी प्रभावित करने लगी है।
मोदीनगर शहर में करीब 100 से अधिक विभिन्न प्रकार की इंडस्ट्रीज है। जिनके निकलने वाला दूषित पानी किसी न किसी प्रकार से जमीन में शोधित हो रहा है। इंडस्ट्रीज के कैमिकल का अधिक प्रयोग पानी को भी दूषित कर रहा है। इससे बीमारियों में इजाफा हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पानी शरीर के कई प्रमुख अंगों को प्रभावित कर सकता है। दिमाग के साथ-साथ यह शरीर में कई प्रकार के कैंसर का कारण भी हो सकता है। इस तत्व के कारण हड्डियों में विभिन्न प्रकार के विकार बढ़ने की संभावना भी होती है। हड्डियों के मरीजों में आर्सेनिक का असर देखा जा रहा है। हडिडयों का कमजोर, टेढ़ापन व खोखला होना भी इसका असर है। कैंसर रोग में आर्सेनिक की अधिक मात्रा के कारण शरीर में आंतो का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योकि यह तत्व पानी के जरिए पेट में पहुँचता है। और आंतो को नुकसान पहुँचता है। जरूरी है कि अच्छे वाटर फिल्टर या पानी को उबाल कर पीए।