मण्डलायुक्त ने मण्डल के किसानों की समस्याओं से शासन को कराया अवगत
गोष्ठी में किसानों ने भी रखी अपनी बात, दिए अपने सुझाव*
गोंडा कृषि उत्पादन आयुक्त उत्तर प्रदेश आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में गुरूवार को वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से रबी उत्पादकता गोष्ठी-2020 सम्पन्न हुई जिसमें देवीपाटन मण्डल सहित अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़ तथा वाराणसी मण्डलों के अधिकारी व प्रगतिशील किसान वीडियो कान्फ्रन्सिंग के माध्यम से उपस्थित रहे। गोष्ठी में रवि की फसल के लिए रणनीति और उस पर अमल किए जाने पर विशेष बल दिया गया। इसके साथ ही विषय विशेषज्ञों द्वारा कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई और मण्डलों में भूगर्भ जल की उपलब्धता के दृष्टिगत मत्स्य पालन तथा गेहूं की बुआई सीड ड्रिल या हैप्पी सीडर यंत्र से कराए जाने पर विशेष बल दिया गया, जिससे फसल गिरने न पाये व उत्पादन भी अच्छा प्राप्त हो। इसके अलावा नेपाल व बिहार सीमा के रास्ते के उर्वरकों की कालाबाजारी न होने पावे, इसके लिए प्रभावी रणनीति बनाकर कार्यवाही की जाय। गोष्ठी में सिंचाई, विद्युत वितरण व फसल बीमा योजना के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। गोष्ठी में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि धान की कटाई सभी जनपदों में शुरू हो गई है, ऐसे में पराली जलाने की घटनाएं घटित न होने पाएं, इसके लिए प्रभावी कार्यवाही व निगरानी रखी जाय।
गोष्ठी में आयुक्त देवीपाटन एस0वी0एस0 रंगाराव ने देवीपाटन मण्डल के कृषकों की विभिन्न समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त से अनुरोध किया कि रैक से खाद की आपूर्ति अब सीधे बलरामपुर जनपद को की जाय, क्योंकि गोण्डा में रैक लगने से आपूर्ति में समय लगता है व कठिनाई होती है। इसके अतिरिक्त जनपद श्रावस्ती में जनपद स्तरीय बीज गोदाम बनवाने, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सोलर पम्पों की आपूर्ति के लिए कृषक अंश देने के बावजूद कम्पनी द्वारा सोलर पम्प की आपूर्ति न किए जाने की समस्या का निराकरण कराने की अपेक्षा की गई। उन्होंने यह कहा कि जनपद बहराइच में केले की खेती के दृष्टिगत टीशू कल्चर नर्सरी की स्थापना कराने, मण्डल में मक्के का एक क्रय केन्द्र खोला जाय तथा कृषि से सम्बन्धित कई विभागों में कई वर्षों से रिक्त पदों पर अधिकारियों की तैनाती शीघ्र किए जाने का भी अनुरोध किया गया। इसके साथ उन्होंने मण्डल में पशु चिकित्सा केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण कराने के लिए भी कहा।
गोष्ठी में जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने जनपद में बीज व खाद की उपलब्धता के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि रबी की बुआई के दृष्टिगत जनपद में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। फसल बीमा योजना में किसानों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के 23 किसानों ने क्षतिपूर्ति के दावे प्राप्त हुए थ,े जिनमें बीमा कम्पनी द्वारा 20 दावों को यह कहकर निरस्त कर दिया गया कि धान की फसल का नुकसान बाढ़ से नहीं बल्कि अतिवृष्टि से हुआ है। उन्होंने कहा कि बीमा कम्पनी द्वारा किसानों के खातों से बीमा योजना का प्रीमियम काट लिया गया है परन्तु किसानों को फसल क्षतिपूर्ति देने में दिक्कत की जा रही है, जिससे जिले के किसानों की फसल बीमा योजना में रूचि घट रही है। इसी प्रकार जिलाधिकारी बहराइच, बलरामपुर व श्रावस्ती द्वारा भी विभिन्न समस्याओं से अवगतर कराया गया।
गोष्ठी में जिले के प्रगतिशील किसान सतेन्द्र कुमार शुक्ला ने कहा कि जनपद में मक्के का एक भी क्रय केन्द्र न होने से मक्के का उत्पादन करने वाले किसान अपनी उपज को उचित दर पर नहीं बेंच पा रहे हैं, इसलिए जनपद में कम से कम एक मक्का क्रय केन्द्र खोला जाय। इसके अलावा सोलर पम्पों में तकनीकी खराबी आ जाने पर जनपद में आपूर्ति कम्पनी का कोई भी रिपेयरिंग सेन्टर न होने से भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस पर कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा समस्याओं के जल्द निराकरण का आश्वासन दिया गया।
गोष्ठी में सीडीओ शशंाक त्रिपाठी, जेडी एग्रीकल्चर पीके गुप्ता, उपनिदेशक कृषि डा0 मुकुल तिवारी, उपनिदेशक उद्यान, जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी सदानन्द चाौधरी, जिला गन्ना अधिकारी ओपी सिंह, मुुख्य पशुु चिकित्साधिकारी सहित अन्य अधिकारी व जिले के प्रगतिशील किसान अनिल चन्द्र पाण्डेय व अन्य उपस्थित रहे।