मोदीनगर। शासन की ओर परिषदीय विद्यालयों में आए दिन होने वाले घोटालों पर विराम लगेगा। एक साथ कई स्कूलों में नामांकन कराकर छात्रवृत्ति समेत एमडीएम जैसी आदि विभागीय योजनाओं का दोहरा लाभ लेने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों पर शिकंजा कस गया है। अभिभावकों के बैंक व आधार नंबर के जरिए इस फर्जीवाड़े पर लगाम कसी जाएगी।
सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए तमाम स्कूलों में पंजीकरण कराने पर अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों का ब्योरा प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किये जाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश हैं। साथ ही अभिभावक से सहमति पत्र भरवाकर विद्यालय के रिकार्ड में सुरक्षित रखा जाएगा। महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने इसको लेकर बीएसए को निर्देशित करते हुए कहा है कि इससे फर्जीवाड़ा रुकने की उम्मीद है। आधार कार्ड व्यक्ति की पहचान को साबित करता है। इसके माध्यम से ही सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ भी मिलता है। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, एमडीएम समेत अन्य कई लाभ सरकारी योजनाओं के तहत मिलते हैं, वहीं इसी जानकारी से धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजी जाती है। ऐसे में इसमें पारदर्शिता के लिए विभाग के पास अभिभावकों का आधार नंबर, बैंक खाता नंबर आदि डाटा होना जरूरी है। खण्ड शिक्षा अधिकारी अनीता गुप्ता ने बताया कि जिले भर साढ़े तीन लाख बच्चे अध्यनरत हैं। इस पहल से जहां फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी तो वहीं अब सभी बच्चों व उनके अभिभावकों का ब्योरा पोर्टल पर अंकित हो जाएगा। इसे 25 जुलाई तक प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कराने के निर्देश हैं।
डाटा जुटाने में जुटाने शिक्षक व लिपिक
महानिदेशक के निर्देश के बाद से विभागीय अधिकारी, कर्मचारी तेजी से अभिभावकों के आधार व बैंक डिटेल का सत्यापन करने में जुट गए हैं। वहीं जिन अभिभावकों का ब्योरा नहीं है, उसके लिए उनसे संपर्क साधा जा रहा है। इसके अलावा विभाग द्वारा जारी एक सहमति पत्र भी निर्धारित प्रारूप अभिभावकों से भरवाना होगा। इसे विभाग को अपने रिकार्ड में सुरक्षित रखना होगा। ताकि कभी भी छात्र-छात्रा व उनके अभिभावकों को गलत रूप से सरकारी योजना का लाभ लेते हुए पकड़े जाने पर उनकी जानकारी जुटाई जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *