मोदीनगर। परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए विभाग की ओर से सभी कक्षाओं में एनसीआरटी की पुस्तकों से बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, दावे सिर्फ दावे ही बनकर रह गए। तहसील क्षेत्र में नए सत्र के लिए एनसीआरटी पर आधारित किताबें तो पहुंच रहीं हैं। लेकिन, सिर्फ कक्षा एक, दो और तीन के लिए। ऐसे में कक्षा चैथी के बच्चों को अभी पुराना पाठ्यक्रम ही पढ़ना पड़ेगा।
एनसीआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने दिए निर्देश
शुरुआत से ही बच्चों का ज्ञानवर्धन किया जा सके। इसके लिए विभाग ने नए सत्र से एनसीआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने निर्देश दिए। इसके लिए मार्च में 25-25 का बैच बनाकर शिक्षकों को छह दिन का प्रशिक्षण भी दिया जायेंगा। ताकि एनसीआरटी पर आधारित पुस्तकों से पढ़ाने में शिक्षकों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। लेकिन, अब न तो शिक्षकों का प्रशिक्षण किसी काम का रहा और न ही सभी कक्षाओं के लिए एसीआरटी की किताबें ही पहुंची। शिक्षकों का कहना है कि जिस तरह कक्षा एक दो और तीन के लिए एनसीआरटी की किताबें पहुंच रहीं हैं। तो उससे पढ़ाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रधानाध्यापिका बोली- शिक्षकों को हो सकती है परेशानी
उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि एनसीआरटी किताबों से बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। वो सिर्फ कक्षा एक के आधार पर ही था। लेकिन, अब कक्षा दो और तीन के लिए भी एनसीआरटी पर आधारित पुस्तक पहुंची। जिससे शिक्षकों को परेशानी हो सकती है। खण्ड शिक्षा अधिकारी आरती गुप्ता कहती है कि अभी फिलहाल कक्षा तीन तक के लिए ही एनसीआरटी पर आधारित किताबें पहुंची हैं। धीरे-धीरे सभी कक्षाओं में यह पाठ्यक्रमण लागू किया जाएगा।

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