हापुड़ :

हापुड़ के गांव गोहना निवासी मंगते सिंह ने कोर्ट के द्वारा टाटा मोटर्स फाइनेंस कंपनी के मैनेजर लव कुमार व सिकंदराबाद बुलंदशहर निवासी चरणजीत सिंह के खिलाफ कविनगर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। मंगते सिंह का कहना है कि गाड़ी बेचने के बाद भी लव कुमार ने नाम ट्रांसफर नहीं कराई और खरीदार चरणजीत ने टैक्स नहीं भरा। परिवहन विभाग से 35 हजार के टैक्स का रिकवरी नोटिस मिलने पर उन्हें पता चला।

मंगते सिंह का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2013 में उन्होंने टाटा मोटर्स फाइनेंस के माध्यम से एक टाटा मैजिक खरीदी थी। वह लोन की किश्त जमा नहीं कर पा रहे थे, ऐसे में जून 2014 में वह खुद अपने वाहन को बीबी फार्म काजीपुरा में टाटा मोटर्स फाइनेंस के सुपुर्द कर रसीद ले आए थे। कंपनी वालों ने उनसे सेल लेटर व अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराकर कहा था कि जब गाड़ी बिक जाएगी तो उन्हें सूचित कर दिया जाएगा और बिक्री की रसीद भी दे दी जाएगी। मंगते सिंह का कहना है कि 28 अक्टूबर 2014 को फाइनेंस वालों ने उन्हें बुलाया और बुलंदशहर निवासी चरणजीत सिंह का गाड़ी बेचने की बात कहते हुए बिक्री रसीद भी दे दी। पीडि़त का आरोप है कि फाइनेंस कंपनी ने उनकी गाड़ी खरीदार के नाम ट्रांसफर नहीं कराई, जिसका पता उन्हें तब चला जब परिवहन विभाग ने टैक्स की रिकवरी भेजी। उन्होंने टाटा फाइनेंस के लव कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने रिकवरी के 35 लाख 858 जमा करने को कहा। साथ ही आश्वासन दिया कि उक्त राशि उन्हें लौटा दी जाएगी। आरोप है कि लव कुमार ने बाद में राशि लौटाने से साफ इन्कार कर दिया। उन्होंने लव कुमार व खरीदार चरणजीत को नोटिस भिजवाए, लेकिन उन्होंने काई जवाब नहीं दिया। पुलिस में शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।

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