Lyakhovsky Island: ये तो आप जानते हैं कि बर्फ में लंबे समय तक कोई भी चीज वैसी ही रखी रहती है. लेकिन, रूस के साइबेरिया में एक ऐसा खुलासा हुआ है, जो वाकई हैरान कर देने वाला है. दरअसल, यहां बर्फ से ढका एक भालू मिला है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये करीब 3,500 साल पुराना है. हैरानी का बात ये है कि बर्फ से जमे हुए जंगल में यह भालू पूरी तरह से संरक्षित था.
इस भालू का पता चलने के बाद वैज्ञानिकों की एक टीम ने इसके शव का परीक्षण किया. बता दें कि 3,500 साल पुराने भालू का मिलना अपने आप में एक अनूठी खोज बताया जा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2020 में बोल्शॅाय ल्याखोव्स्की द्वीप पर कुछ चरवाहों को पर्माफ्रॅास्ट बाहर निकलते वक्त ये भालू मिला था. ये एक मादा भालू है.
वैज्ञानिकों ने बताया अनोखी खोज, रखा यह नाम
अब भालू को ‘Etherican Brown Bear’ नाम दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, भूरा भालू बोल्शॅाय एथरिकन से मिला है, इसलिए इस भालू का नाम एथरिकन से शुरू किया गया. भालू को 5 फिट लंबा और 78 किलोग्राम वजनी बताया जा रहा है. पूर्वी साइबेरिया में स्थित नॅार्थ-ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी में लेवरेज मैमथ संग्रहालय के प्रयोगशाला प्रमुख मैक्सिको चेप्रासोवा ने कहा कि एक प्राचीन भूरे भालू का पूरा संरक्षित शव मिलना अपने आप में एक अनोखी खोज है.
3,500 सालों तक कैसे सुरक्षित रहा भालू का शव?
बताया जा रहा है कि ल्याखोव्स्की द्वीप पर अत्याधिक ठंडे तापमान के चलते भूरे भालू का शव 3,500 साल तक सुरक्षित रहा. प्रयोगशाला प्रमुख चेप्रासोवा ने कहा कि पहली बार नरम ऊतकों वाला यह भूरे भालू का शव वैज्ञानिकों के हाथ लगा है. वहीं, साइबेरिया में वैज्ञानिको ने भालू की सख्त खाल को काटकर निकाला, जिसके बाद भालू के शरीर के कुछ हिस्सों की रिसर्च की जाएगी.
रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से हुई थी मौत
वैज्ञानिको ने इस प्राचीन भालू के विश्लेषण में पाया कि भालू का गुलाबी ऊतक और पीला फैट स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. इसके साथ ही रिसर्च में यह भी सामने आया है कि भालू की मौत रीढ़ की हड्डी में चोट लगने की वजह से हुई थी.
क्या है ल्याखोव्स्की द्वीप?
ल्याखोव्स्की द्वीप पर दुनिया के सबसे कीमती खजाने मौजूद हैं. साथ ही हाथी के दांत का शिकार करने वाले लोगों को भी ये जगह आकर्षित करती है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया की भालू द्वीप पर कैसे पहुंचा.