Disha Bhoomi

Modinagar शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध के बावजूद रोजाना बढ़े पैमाने पर खपाई जा रही है। व्यापारी दिल्ली से पॉलीथिन और सिंगल यूज्ड प्लास्टिक ला रहें हैं। इसके बाद दुकानदारों को फुटकर में बेचा जा रहा है।
केंद्र सरकार ने एक जुलाई से पूरे देश में पॉलीथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे। इसमें जिला प्रशासन समेत 16 अधिकारियों को प्रतिबंध लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें दस जुलाई तक पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वालों को नोटिस जारी करना था। इसके बाद छापामार कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके जिम्मेदार इस पर प्रतिबंध लगाने में नाकाम साबित हो रहें हैं, क्योंकि शहर के अनेक व्यापारी अभी भी बड़े पैमान पर दिल्ली से प्रतिबंधित पॉलीथिन लाकर दुकानदारों को फुटकर में बेच रहें हैं। पालिका प्रशासन का दावा है कि शीघ्र ही प्रतिबंधित पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
इन अधिकारियों की थी जिम्मेदारी
डीएम, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, सीएमओ, डीपीआरओ, सदस्य राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण अभियंता, निदेशक पर्यावरण, उप निदेशक, सहायक माल व सेवाकर अधिकारी, तहसीलदार, पर्यटन अधिकारी, ईओ, सफाई निरीक्षक, खाद्य निरीक्षक आदि अधिकारियों की पॉलीथिन पर प्रतिबंध के इस्तेमाल से लेकर आयात, निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की जिम्मेदारी थी। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत मंत्रालय ने प्रतिबंधित पॉलीथिन का भंडारण, प्रयोग करते पाए जाने पर एक लाख रुपये या पांच साल की जेल के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। महज छोटे-छोटे सब्जी बेचने वाले दुकानदारों से ही पॉलीथिन जब्त कर उनसे मामूली जुर्माना वसूला है।

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