धूल,धूप समेत अन्य तरीके के वायु प्रदूषण के कारण हमारी त्वचा खराब होती है. जिससे हमारी स्किन पर प्रदूषण का असर साफ नजर आने लगता है. जहां धूप के कारण स्किन टैनिंग की समस्‍या होती है. वहीं पॉल्‍यूशन के कारण एजिंग जल्‍दी नजर आने लगती है. इसके अलावा पिंपल्‍स, रिंकल्‍स और डार्क सर्कल्‍स जैसी स्किन से जुड़ी कई समस्‍याएं परेशान करने लगती हैं. इससे बचने के लिए खासकर महिलाएं ब्यूटी सीरम का इस्तेमाल कर रही हैं. क्या आप जानते हैं कि इस सीरम में कौन सा केमिकल होता है, जिससे चेहरा चमकने लगता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. 

क्या होता है सीरम

बता दें कि सीरम लाइट वेट जैल और लिक्विड बेस्ड मॉश्‍च्‍युराइजर होता है. लिक्विड बेस्ड होने के कारण यह स्किन में बेहद आसानी से और तेजी से एब्जॉर्ब हो जाता है. इसमें कई पौष्टिक तत्व होने के कारण स्किन को गहराई से पोषण मिलता है. गैलेक्‍सी यूनिसेक्‍स सैलून के ओनर उमेश डांग बताते हैं कि सीरम में सबसे ज्‍यादा सिलिकॉन का मिश्रण होता है. इसलिए फेस सीरम केमिकल वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स से डैमेज त्‍वचा को रिपेयर भी करता है. वहीं अगर फेस सीरम का सही तरीके से लगातार इस्तेमाल होगा तो चेहरे की चमक बढ़ने के साथ ही बढ़ती उम्र का असर कम होने लगता है. 

फेस सीरम का इस्‍तेमाल

एक्सपर्ट के मुताबिक आपकी स्किन डल रहती है या फेस का ग्‍लो कम होता है, तो आपको सीरम का इस्‍तेमाल करना चाहिए. अगर आपको पिंपल या ऐक्‍ने की समस्‍या रहती है तो फेस सीरम का इस्‍तेमाल करना बेहतर साबित हो सकता है. वहीं आपको फेस का ग्लो बढ़ाना है तो विटामिन-सी वाला फेस सीरम चुनना चाहिए. 

किसने बनाया फेस सीरम?

बता दें कि स्किनकेयर के मामले में यूनान, रोम और मिस्र का नाम काफी रहा है. सुंदरता के प्रति जुनून के लिए पहचाने जाने वाले मिस्रके लोगों ने जैतून के तेल और एलोवेरा के साथ स्किनकेयर सॉल्‍यूशंस बनाए हैं. लेकिन 19वीं सदी में स्किनकेयर अलग क्षेत्र के रूप में त्वचाविज्ञान का विकास अहम पड़ाव था. शुरुआती स्किनकेयर प्रोडक्‍ट्स आंशिक रूप से वैज्ञानिक खोजों के जरिये तैयार किए गए थे. वैज्ञानिकों ने विटामिन की पहचान और स्किन हेल्‍थ पर उनके असर का पता लगाया था, फिर उसी आधार पर स्किनकेयर प्रोडक्‍ट बनाना शुरू किया था. इस दौरान कोल्ड क्रीम और साबुन लोकप्रिय हुए थे. इसके बाद फिर 20वीं सदी में स्किनकेयर क्षेत्र में क्रांति का दौर आया था. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों को धूप से बचाने के लिए सनस्क्रीन बनाई गई थी. 20वीं शताब्दी के आखिरी चरण में एंटी-एजिंग उत्पादों की शुरुआत हुई थी. इसी दौरान फेस सीरम बनाया गया था.

 

ये भी पढ़ें: Most Dangerous Drug: कोकीन, हेरोइन, LSD, ब्राउन शुगर में क्या होता है फर्क, कौनसा नशा है सबसे खतरनाक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *