कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षा कराने में सफल चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय अब कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में प्रैक्टिकल एवं वायवा कराएगा। प्रैक्टिकल-वायवा के लिए छात्रों को निर्धारित केंद्रों पर आना होगा। विवि ने कॉलेजों को परीक्षकों के नाम भेजने शुरू कर दिए हैं।
यदि परीक्षक कॉलेज पहुंचता है तो ऑफलाइन मोड में प्रैक्टिकल-वायवा होगा, लेकिन यदि वह नहीं पहुंच पाते तो ऑनलाइन मोड में कैमरे के जरिए एक-एक छात्र को प्रैक्टिकल-वायवा देना होगा।
विवि एमकॉम फाइनल सेमेस्टर में वायवा के लिए पहले ही 16 केंद्र बना चुका है। विवि के अनुसार स्नातक अंतिम वर्ष के प्रैक्टिकल के लिए पर्यवेक्षकों की सूची भेजी जा रही है। पीजी प्राइवेट में वायवा के लिए भी केंद्रों को परीक्षकों के नाम दिए जा रहे हैं। विवि की कोशिश इस बार एडेड-राजकीय कॉलेजों में केंद्र बनाकर प्रैक्टिकल कराने की है।
मेरठ। विवि के अनुसार बीए-एलएलबी, एलएलबी और एलएलएम के ऑनलाइन प्रैक्टिकल के लिए छात्रों की सहमति लेनी अनिवार्य होगी। कॉलेज परीक्षकों को छात्रों की प्रोजेक्ट फाइल ईमेल या प्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराएंगे। परीक्षा शुरू होने से खत्म होने तक लिंक जनरेट करने सहित सभी तकनीकी काम पूरा करने की जिम्मेदारी कॉलेज की होगी। परीक्षा कॉलेज में ही होगी। यदि परीक्षा ऑनलाइन होती है तो कॉलेज को प्रैक्टिकल या वायवा के अंक पोर्टल पर अपलोड करने से पहले बाह्य एवं आंतरिक परीक्षकों के हस्ताक्षर करने जरूरी होंगे।
चौधरी चरण सिंह विवि से संबद्ध कॉलेजों में एमएड चतुर्थ सेमेस्टर सत्र 15-17 और कैंपस में सत्र 18-20 की आज से परीक्षाएं शुरू होंगी। विवि ने परीक्षा के लिए नौ नोडल केंद्र बनाए हैं। विवि पहले ही परीक्षा कार्यक्रम जारी कर चुका है।
चौधरी चरण सिंह विवि ने एमए अर्थशास्त्र अंतिम वर्ष में वायवा के लिए दस केंद्र तय कर दिए हैं। विवि ने सभी जिलों में वायवा के लिए केवल एडेड कॉलेजों को ही केंद्र बनाया है। मेरठ में मेरठ कॉलेज को केंद्र रखा गया है। छात्र अधिक जानकारी यूनिवर्सिटी वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, एमकॉम फाइनल में डीएवी कॉलेज की जगह एसडी कॉलेज मुजफ्फरनगर को भी केंद्र बनाया गया है। इसी विषय में आरजी कॉलेज की जगह शहीद मंगल पांडे कॉलेज एवं केके जैन कॉलेज की जगह एसडी कॉलेज ऑफ कॉमर्स मुजफ्फरनगर को केंद्र बनाया है।