मोदीनगर। हमारी पूजा पद्वती में उपयोग में आने वाले शंख के कई फायदे हैं। शंख धार्मिक ही नहीं बल्कि वास्तु और स्वास्थ के लिए भी लाभकारी बताया गया है। इसकी आवाज से वातावरण शुद्ध होता है बल्कि बजाने वाले को शरीरिक लाभ भी मिलता है। इसके साथ ही कई रोगों को दूर करने के साथ चेहरे की चमक भी बढ़ाता है। अब तो इसका लाभ कोरोना संक्रमण से ठीक हुए रोगी भी उठा रहे हैं।
कोविड के दौर में फेफड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। कोरोना का संक्रमण होने से शरीर में आक्सीजन की कमी होने से फेफड़े कमजोर हो रहे हैं। कमजोर फेफड़ों को दुरुस्त रखने के लिए दवाओं के साथ शंख बजाने की अच्छी आदत कारगर साबित हो रही है। कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों को फिजियोथेरेपिस्ट शंख बजाना और योग के जरिए स्वस्थ रहने का गुरुमंत्र दे रहे हैं। उन्हें शंख बजाने की थेरेपी कराई जा रही है।
शहर के प्रसिद्वा फिजियोथेरेपिस्ट डाॅ0 अनुपम गर्ग ने बताया कि शरीर में आक्सीजन की कमी को दूर करने के कई उपाय किए जा रहे हैं। इनमें से एक उपाय शंख भी है। शंख बजाने से शरीर में आक्सीजन की मात्रा बेहतर होती है। इससे चमत्कारी स्वास्थ्य लाभ मिलता है। सनातन धर्म में धार्मिक अनुष्ठानों मे शंख बजाने का विशेष महत्व है। शंख बजाने पर वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
डाॅ0 अनुपम गर्ग ने बताया कि संक्रमण से रिकवरी हुए ज्यादातर लोगों में सांस फूलने की समस्या देखने को मिल रही है। शंख बजाने और गुब्बारे फुलाने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती और शरीर दुरुस्त रहता है। उन्होंने बताया कि संक्रमण के चलते लंबे समय तक घरों में रहने से लोगों में मानसिक तनाव बढ़ गया है। शंख बजाने से तनाव मुक्त होने के साथ नकारात्मक ऊर्जा का अंत होता है।
शंख बजाने से शरीर में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक तनाव दूर होता है।
नहीं होती बीपी की समस्या: शंख बजाने से मस्तिष्क और शरीर में खून का संचार बेहतर रहने से ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती है।
गैस की बीमारी नहीं होती: प्रतिदिन शंख बजाने का सीधा असर रेक्टल मसल्स पर होता है, इससे वो सिकुड़ती और फैलती हैं। इससे पेट की एक्सरसाइज होती है और गैस की बीमारी खत्म हो जाती है।
फेफड़ों को मिलती मजबूती: शंख बजाने से सबसे ज्यादा फायदा फेफड़ों को मिलता है, इससे फेफड़े मजबूत होने के साथ सांस की समस्या ठीक हो जाती है।
वातावरण से दूर होते कीटाणु: वैज्ञानिक मत है कि शंख की ध्वनि से वातावरण व हवा में मौजूद कई तरह के कीटाणु और हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।