Modinagar | करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इसके ठीक चार दिन बाद अहोई अष्टमी होती है। इस दिन संतान की लंबी आयु, उसकी सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। दीपावली के आठ दिन पहले पड़ने वाली अहोई अष्टमी इस बार 17 अक्टूबर यानी सोमवार को है।
माता पर्वती की होती है अर्चना
यह व्रत भी करवाचौथ की तरह निर्जला (बिना पानी) रखा जाता है और व्रत का पारण तारों को देखने के बाद ही होता है। ज्योतिषाचार्य व हरमुखपुरी के पुजारी पं उदय चन्द्र शास्त्री ने बताया की वैसे तो यह व्रत देवी अहोई को समर्पित है,
लेकिन सनातन धर्म शास्त्रों के अनुसार अहोई अष्टमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है और परिवार में सुख-समृद्धि एवं उन्नति की प्रार्थना की जाती है।
जानें किस योग में पड़ रही अहोई अष्टमी
इस वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को रखा जाएगा।
इस वर्ष व्रत के दिन बुधादित्य योग एवं उच्च के बृहस्पति स्वाराशि में आने और शनि के स्वराशि के चन्द्रमा तथा सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग के कारण अहोई अष्टमी का महत्व बहुत अधिक शुभकारी हो गया है।