लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए उनपर विभिन्न मुद्दों पर अनर्गल बयानबाजी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, उम्मीद थी की हमारे तीन कानूनों में से कम से कम एक बिंदु निकालकर राहुल गांधी बोलें कि इसकी वजह से किसानों को नुकसान होगा मगर यह भी नहीं हुआ। कांग्रेस बोल सकती थी कि ‘हम दो हमारे दो’ में दामाद को आदेश देकर आए हैं कि जमीन वापस करो लेकिन वह भी नहीं किया गया। सीतारमण ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा, ‘हमारे मित्र (क्रोनीज) दामाद नहीं हैं। ऐसे लोग उस पार्टी की आड़ में छिपे हैं जिसे जनता ने अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह गरीबों, किसानों का बजट है।’

दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है। इस नारे के बहाने उन्होंने बिना नाम लिए मोदी सरकार को कुछ उद्योगपतियों के लिए काम करने वाली सरकार होने का आरोप लगाया था।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राहुल गांधी हमेशा प्रधानमंत्री का अपमान करते हैं। फिर चाहे अब के प्रधानमंत्री हों या फिर तब के प्रधानमंत्री। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब विदेश गए थे तो राहुल गांधी ने उनकी ओर से लाए गए अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया था।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘तीनों कृषि कानून आने के बाद  APMC देश भर में कहीं भी बंद हुआ है क्या? कहीं भी बंद नहीं हुआ। मैं पूछ रही हूं कि यह साबित करें कि कहीं भी अगर एक भी APMC मंडी बंद हुई हो। हम APMC का ढांचा बढ़ाने के लिए राज्यों को फंड भी दे रहे हैं।’

केंद्र सरकार पर सांठगांठ वाले पूंजीवाद को बढ़ावा देने के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि गरीब लोग और देश की आम जनता सरकार के ”मित्र है और वह उन्हीं के लिए काम करती है। सीतारमण ने 2021-22 के बजट पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत गरीबों, रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेताओं को 10,000 रुपये की आर्थिक मदद एक साल के लिए दी जिसे एक वर्ष बाद लौटाने या चुका नहीं पाने की स्थिति में और समय लेने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि देश के 50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों ने इस योजना का लाभ उठाया।

वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा के बजट में कमी के दावे किए गए गए, अक्सर कहा जाता है कि हम मनरेगा के खिलाफ हैं। लेकिन पहले मनरेगा के पैसे ऐसे लोगों के पास जाते थे जो इसके पात्र नहीं थे, अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बजट में हमने मनरेगा के लिए 73 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आगे जरूरत होगी तो और पैसे दिए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *