उत्तर प्रदेश विधानसभा के 2022 में प्रस्तावित चुनावों के मद्देनज़र सियासी गर्मी बढ़ने लगी है। कल आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यूपी के चुनाव में उतरने का ऐलान किया तो आज एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे हैं।
यहां एक निजी होटल में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष और पूर्व में योगी सरकार के सहयोगी रहे ओम प्रकाश राजभर से उनकी मुलाकात हुई है। माना जा रहा है कि ओवैसी उत्तर प्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर छोटे दलों का गठजोड़ बनाकर सियासी पिच पर उतरना चाहते हैं।
गौरतलब है कि एआईएमआईएम ने 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 34 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। हाल में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम को पांच सीटें मिली हैं। इससे ओवैसी के हौसले बुलंद हैं। वह उत्तर प्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर कुछ बड़ा करने के इरादे से आए हैं। ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात के बाद ओवैसी से मिलने अब्दुल मन्नान पहुंचे। वह पीस पार्टी छोड़कर एआईएमआईएम में शामिल हो गए हैं।
ओवैसी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से भी मिलेंगे। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से संकेतों की भाषा में बात की। उन्होंने कहा कि राजनीति में जब दो लोग एक साथ मुलाकात करते हैं तो इसका मतलब तो आप समझते ही हैं। हम ओम प्रकाश राजभर के साथ हैं। शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि शिवपाल राजनीति में एक बड़ा चेहरा हैं। उनसे भी मुलाकात करेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए ओवैसी ने कहा कि वहां की कामयाबी में राजभर साहब का बड़ा योगदान रहा है।