साहिबाबाद। सर्दी बढ़ने के साथ ही गाजियाबाद शहर की हवा भी जहरीली होती जा रही है। शुक्रवार सुबह गाजियाबाद धुंध की चादर में लिपटा रहा। लोनी में तो सुबह के समय एक्यूआई 400 पार कर गया। पिछले दो साल के आंकड़े देखे जाएं तो शुक्रवार सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। शुक्रवार को एक्यूआई 344 दर्ज किया गया।
प्रदूषण ने पिछले साल के रिकॉर्ड तोड़ने शुरू कर दिए हैं। 2019 में 23 अक्तूबर को शहर का एक्यूआई 285 दर्ज हुआ था, जो कि मानकों से ढाई गुना अधिक था। इस वर्ष एक्यूआई 400 से ऊपर दिवाली के आसपास पहुंचा था लेकिन इस बार तो शहर का एक्यूआई अक्तूबर में ही साढ़े तीन गुना के पास आ गया है। शुक्रवार को एक्यूआई 344 दर्ज किया गया। आंकड़े देखे जाए तो दोपहर एक बजे के बाद शहर के प्रदूषण स्तर में तेजी से गिरावट देखी गई। हालांकि सुबह प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा। सीपीसीबी के आंकड़े देखे जाएं तो सुबह लोनी का एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया था। लोनी में सुबह 10 से 12 बजे के बीच एक्यूआई 418 दर्ज किया गया। वहीं, इंदिरापुरम, लोनी और वसुंधरा में सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक एक्यूआई 370 के आसपास दर्ज हुआ।
2017 में सुबह चार बजे था 395 एक्यूआई
पिछले कुछ साल के आंकड़े देखे जाए तो अक्तूबर में कभी भी इतना एक्यूआई नहीं पहुंचा था। आंकड़ों के अनुसार 2017 में सुबह चार बजे करीब गाजियाबाद का एक्यूआई 395 दर्ज किया गया था। इसके बाद इतना एक्यूआई कभी नहीं पहुंचा। इस बार एक्यूआई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। एक्यूआई 400 से ऊपर पहुंच गया है। ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में लोगों को प्रदूषण की मार झेलनी होगी।
मानकों से छह गुना अधिक पीएम 10 व पीएम 2.5
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, सुबह पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर मानकों से छह गुना अधिक दर्ज किया गया। लोनी में सुबह 10 बजे करीब पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर सबसे ज्यादा रहा। पीएम दस 645 और पीएम 2.5 का स्तर 470 दर्ज किया गया, जो कि मानकों से छह और साढ़े सात गुना अधिक दर्ज किया गया। वहीं, इस वक्त इंदिरापुरम में पीएम दस और पीएम 2.5 का स्तर 501 और 351 दर्ज किया गया। संजय नगर में सुबह 11 बजे पीएम दस और पीएम 2.5 का स्तर सर्वाधिक रहा। इस दौरान पीएम दस का स्तर 591 रहा। जबकि पीएम 2.5 का स्तर 359 रहा।
पिछले तीन साल के आंकड़े
वर्ष एक्यूआई
2020 344
2019 285
2018 276
सुबह नौ से 12 बजे के बीच एक्यूआई
समय लोनी- इंदिरापुरम- संजय नगर- वसुंधरा
8:00 411-383-364-372
9:00 414-380-370-375
10:00 417- 378-375-375
11:00 418-379-379-371
12:00 418-372-377-365
प्रदूषण से होने वाली परेशानी
जुकाम होना
सांस लेने में तकलीफ
आंखों में जलन
खांसी, टीबी और गले में में इंफेक्शन
साइनस, अस्थमा
फेफड़ों से संबंधित बीमारियां
वायु प्रदूषण से बचाव
घर से बाहर निकलते वक्त हमेशा मुंह पर मास्क का उपयोग करें। आंखों पर चश्मा भी लगाएं।
एक मास्क को एक बार ही प्रयोग करें।
घर के बाहर सड़कों को गीला करके रखें ताकि धूल के दूषित कण हवा में न उड़े पाएं।
घर से बाहर तभी बाहर टहलने के लिए निकलें जब प्रदूषण का स्तर कम हो।
हार्ट व श्वास रोगियों के लिए खतरनाक
श्वास रोग विशेषज्ञ डा. केके पांडेय का कहना है कि प्रदूषण बढ़ने के समय हार्ट और श्वास रोग के मरीज ज्यादा सावधानी बरते। साथ ही लोग प्रदूषण बढ़ने के दौरान आउटडोर एक्टिविटी को बंद कर दें। पहले से ही कोराना संक्रमण फैैैला हुआ है। ऐसे में प्रदूषण बढ़ेगा तो कोरोना मरीजों के लिए यह बहुत ही हानिकारक है। कोरोना व प्रदूषण दोनों की फेफड़ों को इफेक्ट करते हैं। ऐसे में लोगों को ज्यादा सावधानी बरतनी जरूरत है।