अगर आपकी पृष्ठभूमि गांव की है तो आपने ‘खसरा और खतौनी’ इन दो शब्दों को कई बार सुना होगा. लेकिन क्या आपने कभी जानने की कोशिश की कि आखिर ये दोनों चीजें होती क्या हैं और ये कैसे आपके पुरखों की जमीन से जुड़ी हुई हैं. चलिए आज आपको समझाते हैं कि आखिर ये खसरा और खतौनी होता क्या है और ये एक दूसरे से कितनी अलग हैं.
पहले खसरा के बारे में जानिए?
दरअसल, खसरा एक कानून के तहत किसी किसान को दिया जाने वाला कृषि दस्तावेज होता है, जिसमें उसकी जमीन के बारे में पूरी जानकारी दर्ज होती है. इसमें लिखा होता है कि ये जमीन कहां से कहां तक है, इस जमीन का मालिक कौन है, इस जमीन पर कौन सी फसल लगी हुई है, इस जमीन की मिट्टी किस तरह की है और यहां फिलहाल कौन जुताई या बुआई कर रहा है. राजस्व विभाग इस तरह की सभी जानकारियों को व्यवस्थित ठंग से दर्ज करता है.
खतौनी किसे कहते हैं?
खतौनी एक रिकॉर्ड है जो राज्य के राजस्व विभाग के पास होती है. इसमें ये जानकारी दर्ज होती है कि किसी भी व्यक्ति या उसके परिवार के पास कितनी जमीन संपत्ति के तौर पर है. इस दस्तावेज में उस जमीन को लेकर पूरा विस्तृत विवरण होता है. देश में जमीन के बिक्री और खरीद के समय खतौनी का नंबर अहम होता है. दरअसल, इसी नंबर के जरिए जमीन खरीदने वाला व्यक्ति जमीन की पूरी जानकारी प्राप्त करता है.
इसे ऑनलाइन कैसे देख सकते हैं?
अब सवाल उठता है कि क्या हम खसरा या खतौनी को ऑनलाइन निकाल सकते हैं. आपको बता दें, आज के समय में ऐसा पॉसिबल है. कुछ राज्य सरकारें इस तरह की सुविधा प्रदान करती हैं. जैसै उत्तर प्रदेश. अगर आप उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और अपनी जमीन का खसरा या खतौनी देखना चाहते हैं तो आप सबसे पहले उत्तर प्रदेश की भूलेख की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
इसके बाद वेबसाइट पर होम पेज खुल जाएगा जिसमें आपको ‘खतौनी की नकल देखें’ का विकल्प दिखाई देगा. इस पर आपको क्लिक करना होगा. इसके बाद एक नया पेज खुलेगा. इसमें आपको एक खाली बॉक्स में कोड भरना होगा, यह कोड पेज पर ही दाईं ओर दिया रहता है. आप जैसे ही उस कोड को भर कर सबमिट करेंगे. तुरंत आपके सामने जिला के नाम वाली लिस्ट खुल कर आ जाएगी. इस लिस्ट में से आप अपने जिले का चयन कर लें. इसके बाद आपके सामने जिले के सभी गांव के नामों की लिस्ट आ जाएगी. इस लिस्ट में से आपको अपने गांव के नाम को चुनना होगा.
सब कुछ सही तरह से चुनने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा. इसमें आपको खसरा और खतौनी या फिर खाता संख्या को रजिस्टर करना होगा. अगर आपको अपनी खसरा संख्या के बारे में मालूम नहीं है तो आप अपने नाम से भी इसे खोज सकते हैं. ऐसा करते ही आपके सामने आपकी जमीन की पूरी जानकारी खुलकर आ जाएगी.
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