हिरण्यकश्यप ने ब्रह्मा जी से वरदान मांगा की उसकी मृत्यु मनुष्य या पशु के हाथों न हो, न किसी अस्त्र-शस्त्र से ना हो.ब्रह्मा जी ने उसे ये वरदान भी दिया.
हिरण्यकश्यप ने ब्रह्मा जी से वरदान मांगा की उसकी मृत्यु मनुष्य या पशु के हाथों न हो, न किसी अस्त्र-शस्त्र से ना हो.ब्रह्मा जी ने उसे ये वरदान भी दिया.