नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अक्टूबर 2023 को सुबह 10 बजे देश के नागरिकों के नेतृत्व में स्वच्छता के लिए एक घंटे के श्रमदान का राष्ट्रीय आह्वान किया है. इसे लेकर आवास और शहरी मामलों और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ‘एक तारीख एक घंटा एक साथ’ विशेष रूप से स्वच्छता गतिविधियों के लिए पूर्णतया समर्पित- स्वच्छता के लिए श्रमदान के बारे में है. उन्होंने कहा कि यह प्रतिज्ञाओं, प्लॉग रन, रंगोली प्रतियोगिताओं, दीवार पेंटिंग, नुक्कड़ नाटकों के बारे में नहीं है. श्रमदान केवल देश भर में स्वच्छता अभियान के लिए है. बता दें कि मन की बात के 105वें एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे सभी नागरिकों से सामूहिक रूप से बापू की जयंती की पूर्व संध्या पर उनको ‘स्वच्छांजलि’ के रूप में स्वच्छता के लिए 1 घंटे के श्रमदान की अपील की है. यह विशाल स्वच्छता अभियान जीवन के सभी क्षेत्रों के नागरिकों से बाजारों, रेलवे पटरियों, जल निकायों, पर्यटन स्थलों, पूजा स्थलों आदि जैसे सार्वजनिक स्थानों पर वास्तविक सफाई गतिविधियों में सम्मिलित होने का आह्वान करता है, जिसके परिणामस्वरूप स्वच्छता दिखाई देती है.

‘स्वच्छता ही सेवा’ पर मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि शहरी और ग्रामीण भारत से 6.4 लाख से अधिक स्थानों को श्रमदान के लिए अपनाया गया है. इस विशाल स्वच्छता अभियान का उद्देश्य कूड़े के असुरक्षित स्थान, रेलवे ट्रैक और स्टेशनों, हवाईअड्डों और आसपास के क्षेत्रों, सड़कों के किनारे- राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों, जल निकायों, घाटों, झुग्गियों, पुलों के नीचे, बाजारों, बैकलेन, पूजा स्थलों, पर्यटक स्थलों, बस स्टैंड/टोल प्लाजा, चिड़ियाघर और वन्यजीव क्षेत्रों, गौशालाएं, पहाड़ियां, समुद्री तटों, बंदरगाह, आवासीय क्षेत्रों, आंगनवाड़ी, विद्यालय/कॉलेज आदि स्थानों- को साफ करना है.

श्रमदान के दौरान की तस्वीरों को यहां करें अपलोड
स्वच्छता कार्यक्रमों को सुविधाजनक बनाने के लिए शहरी स्थानीय निकायों, शहरों, ग्राम पंचायतों, मंत्रालयों ने स्वच्छता ही सेवा – नागरिक पोर्टल https://swachtahatahiseva.com/ पर स्वच्छता श्रमदान के लिए कार्यक्रम जोड़े हैं. सभी नागरिक इस विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए आईटी प्लेटफॉर्म पर अपने निकटतम स्वच्छता कार्यक्रमों को देख सकते हैं और भाग लेने के लिए इसमें शामिल हो सकते हैं. स्वच्छता के विभिन्न स्थानों पर नागरिक स्वच्छता के लिए श्रमदान के दौरान तस्वीरें खींच सकते हैं और ऊपर बताए गए पोर्टल पर इसे अपलोड कर सकते हैं. यह पोर्टल नागरिकों, प्रभावशाली लोगों को आंदोलन में शामिल होने और स्वच्छता राजदूत बनकर लोगों के आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित करने वाला एक खंड का भी आयोजन करता है.

पीएम मोदी की 1 अक्‍टूबर को 1 घंटा सामूहिक श्रमदान करने की अपील, बापू को स्‍वच्‍छांजलि देने को कहा

श्रमदान के लिए कौन-कौन आए आगे?
केंद्रीय मंत्री ने इस कार्यक्रम को लेकर विस्तार से बताया कि बड़ी संख्या में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन लगभग 1 लाख आवासीय क्षेत्रों में श्रमदान के लिए आगे आए हैं, जबकि ग्रामीण समुदाय पूरे देश में लगभग 35,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को अपनाने के लिए आगे आए हैं. गैर सरकारी संगठन, बाजार संघ, स्वयं सहायता समूह, आस्था समूह, व्यापार संघ, निजी क्षेत्र आदि, 22,000 बाजार क्षेत्रों, 10,000 जल निकायों, लगभग 7,000 बस स्टैंड/टोल प्लाजा, लगभग 1000 गौशालाओं, लगभग 300 चिड़ियाघरों और वन्यजीव क्षेत्रों तथा ग्रामीण और शहरी भारत के विभिन्न स्थानों पर जहां विशाल स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा, में श्रमदान करने के लिए आगे आए हैं.

उन्होंने आगे कहा कि अपनी तरह के इस पहले तरीके में सेना, नौसेना, वायु सेना नागरिकों के साथ मिलकर विभिन्न कचरा संवेदनशील स्थानों, रेलवे पटरियों, विरासत भवनों, बावड़ियों, किलों को साफ करने के लिए आएगी. बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ और अन्य स्थानीय समुदायों जैसे प्रमुख समूहों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के बड़े हिस्से को स्वच्छता के लिए अपनाया जा रहा है. अफरोज शाह और सुदर्शन पटनायक के नेतृत्व में प्रतिष्ठित समूहों द्वारा कई तटीय क्षेत्रों को स्वच्छता के लिए लिया जाएगा. सुलभ इंटरनेशनल 1 अक्टूबर को सफाई के लिए सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों को अपनाने के लिए आगे आया है.

मंदिर-मठ से लेकर रोटरी क्लब तक होंगे शामिल
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देशभर के संग्रहालयों, स्मारकों और किलों की सफाई के लिए विभिन्न संघ आगे आए हैं. विद्यालयों/कॉलेजों में स्वच्छता अभियान के हिस्से के रूप में माता अमृतानंदमयी का अम्मा फाउंडेशन देश भर के स्कूलों में स्वच्छता के लिए श्रमदान करेगा. प्रदीप सांगवान की हीलिंग हिमालय उत्तराखंड में हिमालय पथ को साफ करने के लिए आगे आई है. इस्कॉन मंदिर संघ स्वच्छता अभियान के लिए मंदिर क्षेत्रों को गोद लेने के लिए आगे आया है और रामकृष्ण मठ श्रमदान के लिए मठ क्षेत्रों को गोद लेगा. दूसरे संगठन जैसे फिक्की, सीआईआई, क्रेडाई, गैर सरकारी संगठन जैसे श्री सत्य साईं लोक सेवा, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, यूनिसेफ, आगा खान फाउंडेशन आदि, 1 अक्टूबर को इस पहल में हिस्सा लेंगे.

यूपी में 1 लाख जगहों पर होगा श्रमदान
राज्यों में उत्तर प्रदेश ने स्वच्छता अभियान के लिए 1 लाख से अधिक स्थलों को अपनाया है, जबकि महाराष्ट्र 62,000 से अधिक स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाएगा, जिसमें समुद्र तट, धार्मिक स्थान, विद्यालय/कॉलेजों, जल निकाय आदि शामिल हैं. तेलंगाना के लोग ऐतिहासिक महत्व के मंदिरों की सफाई करने के अभियान में शामिल होंगे. मध्य प्रदेश 1 अक्टूबर को लगभग 57,000 स्थानों पर श्रमदान करने के लिए तैयार है, जबकि आंध्र प्रदेश और गुजरात ने क्रमशः लगभग 40,000 और 35,000 स्थानों पर श्रमदान करने की योजना बनाई है. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सांसद, कई मुख्यमंत्री, महापौर, सरपंच और राजनीतिक नेतृत्व भी नागरिक नेतृत्व वाले इस विशाल स्वच्छता अभियान में शामिल होगा.

दिल्ली में कौन-कौन होंगे शामिल
दिल्ली में एनडीएमसी के तहत गैर सरकारी संगठन श्री श्री आर्ट ऑफ लिविंग और चिंतन झुग्गियों और अन्य क्षेत्रों की सफाई के लिए श्रमदान में शामिल होंगे. एमसीडी के तहत 500 से अधिक स्थलों को स्वच्छता अभियान के लिए अपनाया गया है. 9 साल पहले 2014 में प्रधानमंत्री के स्वच्छता के आह्वान का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस आह्वान के जवाब में जीवन के सभी क्षेत्रों के नागरिकों ने भारी उत्साह के साथ स्वच्छ भारत का स्वामित्व लिया है. उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप, स्वच्छता एक राष्ट्रीय व्यवहार बन गया और स्वच्छ भारत मिशन एक घरेलू नाम बन गया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के एक तारीख एक घंटा एक साथ के आह्वान पर, एक अनूठे प्रयास में देश के नागरिक विशाल स्वच्छता अभियानों का नेतृत्व करेंगे, जो स्वच्छ भारत के लिए दुनिया का सबसे बड़ा स्वैच्छिक प्रयास हो सकता है.

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