हाइलाइट्स

श्रावण की अमावस्या तिथि 16 जुलाई रविवार को रात 10:08 बजे से है.
सोमवती अमावस्या को स्नान-दान के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.

इस साल सोमवती अमावस्या 17 जुलाई दिन सोमवार को पड़ रही है. इस बार श्रावण की अमावस्या तिथि 16 जुलाई रविवार को रात 10:08 बजे से लेकर 18 जुलाई को 12:01 एएम तक है. सोमवती अमावस्या को श्रावण अमावस्या या सावन अमावस्या भी कहते है. इस दिन सावन का दूसरा सोमवार व्रत भी है. सोमवती अमावस्या को स्नान और दान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. सोमवती अमावस्या पर आप आपने नाराज पितरों को खुश कर सकते हैं. पितृ दोष से मुक्ति के उपाय कर सकते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं सोमवती अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के आसान उपायों के बारे में.

सोमवती अमावस्या 2023 पितृ दोष उपाय
1. यह सावन की सोमवती अमावस्या है, इसलिए इस दिन आप शिव पूजा करने के बाद शिव गायत्री मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें. इसे आप सुबह में जप सकते हैं. यदि समय नहीं है तो शाम को भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं. इस उपाय को पूरे सावन माह करें. शिव गायत्री मंत्र है- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात. शिव कृपा से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाएगी.

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2. सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें. जल और दूध से उसकी जड़ को सींचे. जनेऊ और तेल का दीपक अर्पित करें. फिर पीपल के पेड़ की परिक्रमा करते हुए ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. पीपल वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें. इस उपाय से पितृ दोष दूर होता है. पितर खुश होते हैं.

3. सोमवती अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करें. फिर पितरों को स्मरण करके हाथ में कुश की पवित्री पहनकर जल से तर्पण दें. पितरों की पूजा के समय पितृ सूक्त का पाठ करें. आपके नाराज पितर प्रसन्न होंगे.

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4. सावन की सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव शंकर की पूजा करें. ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए महादेव को मदार या आक के 21 फूल चढ़ाएं. बेलपत्र, दूध, दही से पूजन करें. पितृ दोष निवारण के लिए शिव जी से प्रार्थना करें. महाकाल के आशीष से पितृ दोष दूर होगा.

5. नाराज पितरों को खुश करने के लिए सोमवती अमावस्या पर पितर लोक के देवता अर्यमा की पूजा करें. अर्यमा इंद्र देव के भाई हैं. इसके साथ ही अपने पितरों के लिए जल, अन्न, वस्त्र आदि का दान करें. इससे वे तृप्त होते हैं. खुश होकर अपने वंश को आशीष देते हैं, पितृ दोष मिट जाता है.

6. पितृ दोष से मुक्ति के लिए सोमवती अमावस्या पर कुत्ते, गाय, कौआ आदि को भोजन का एक हिस्सा दें. उनके भोजन ग्रहण करने से वह पितरों को प्राप्त होता है. इससे पितर खुश होते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Sawan

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