Sawan Niyam: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है लेकिन इस महीने सूर्य पूजा करने का भी विधान बताया गया है. 9 जुलाई को सावन का पहला रविवार पड़ेगा. इस दिन सप्तमी तिथि होने से भानु सप्तमी पर्व रहेगा. सावन के महीने में इस संयोग से भगवान सूर्य के लिए व्रत और पूजा का महत्व और बढ़ जाता है. स्कंद पुराण के अनुसार सावन महीने में की गई सूर्य पूजा बीमारियां दूर करती हैं. 

सावन में सूर्य पूजा का महत्व

शिव पुराण के अनुसार सावन के रविवार को सूर्य पूजा विशेष फलदायी होती है. इस दिन की गई शिव पूजा से भी विशेष लाभ मिलता है. शिव पुराण में सूर्य को भगवान शिव का नेत्र भी बताया गया है. माना जाता है कि इस महीने की रविवार को भगवान सूर्य और शिवजी की उपासना से सुख, अच्छी सेहत, काल भय से मुक्ति और शांति का आशीर्वाद मिलता है.

सावन में सूर्य पूजा का खास संयोग

9 जुलाई, रविवार को सप्तमी तिथि का संयोग 
16 जुलाई, रविवार, कर्क संक्रांति 
20 अगस्त, रविवार को हस्त और अमृतसिद्धि योग

सावन में ऐसे करें सूर्य पूजा 

सावन में सूर्य की पूजा करने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करें. अगर किसी पवित्र नदी में स्नान संभव नहीं है तो पानी में गंगाजल डालकर नहा लें. तांबे के लोटे में जल, चावल और फूल डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें. जल चढ़ाते समय सूर्य के वरूण रूप को प्रणाम करते हुए ऊं रवये नम: मंत्र का जाप करें.

सूर्य के मंत्र के जाप के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करें. अर्घ्य देने के बाद धूप और दीप से सूर्य देव का पूजन करें. सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, लाल चंदन का दान करें. इस दिन सूर्यदेव की पूजा के बाद बस एक समय भोजन करना चाहिए.

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