Modinagar |  उत्तर प्रदेश के अधिकतर किसानों के घरों की व्यवस्था सिर्फ गन्ने की फसल के पैसे से चलती है, जिसका ना ही लाभकारी मूल्य मिल रहा है और ना ही समय पर भुगतान हो रहा है। जिस कारण गन्ने का भाव 26 सितंबर को तय हो गया था जबकि वर्तमान सत्र में 3 महीने गन्ना मिलों को चलते हुए हो गए। आज तक गन्ने के दाम की घोषणा नहीं हुई, महंगाई अपने चरम पर है उसके बावजूद एक नए पैसे का इजाफा गन्ने के मूल्य में नहीं हुआ। किसान इकलौता ऐसा उत्पादक है जिसको अपने उत्पाद का मूल्य तय करने का भी अधिकार नहीं है। अपने खून पसीने से कमाई हुई फसल को मिल मालिकों को देता जाता है लेकिन उसको यही नहीं पता होता कि उसकी फसल का कितना पैसा मिलेगा। कानून के अनुसार 14 दिन में भुगतान करने की व्यवस्था है, ऐसा न करने पर ब्याज देने की अनिवार्यता तय है जिसका कोई पालन नहीं किया जा रहा है। ब्याज की बात दूर फसल का मूल भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। दूसरी भयावह समस्या आवारा पशुओं की है, जो आज विकराल रूप ले चुकी है, अपनी फसलों की रक्षा के लिए प्रत्येक घर से एक व्यक्ति जान हथेली पर लेकर निकलता है, प्रत्येक किसान प्रतिदिन इस डर का सामना करता है, काफी लोग इन आवारा सांडो का शिकार हो चुके हैं। अपनी जान पर खेलकर जिस फसल को पैदा किया है उसके वाजिब दाम भी न मिलने से किसान का मन बहुत आहत है। यही स्थिति चलती रही तो परिवार सहित भूखा मरने पर मजबूर होना पड़ेगा अथवा कटोरा लेकर भीख मांगनी पड़ेगी। इसलिए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी जयन्त सिंह के निर्देश पर किसान सन्देश अभियान के माध्यम से प्रदेश का किसान गन्ने के लाभकारी मूल्य की जल्द से जल्द घोषणा एवं ब्याज सहित भुगतान कराना चाहता है। साथ ही आवारा पशुओं के आतंक से निजात दिलाने की व्यवस्था चाहता है। इस पूरे अभियान को चारणानुसार चलाया जा रहा है। पहले चरण मे 28 दिसम्बर से शुरू होकर 8 जनवरी तक हजारों पत्रों को लिखवाया गया और 9 जनवरी को सामुहिक रूप से जिला मुख्यालय पर पत्रों को पोस्ट किया गया। दूसरे चरण में 10 जनवरी से 20 जनवरी तक हजारों पत्रों को लिखवाया गया और 21 जनवरी को ढोल नगाड़ो व जुलूस के साथ प्रधान डाकघर में पोस्ट किया गया। 21 जनवरी को चैधरी जयंत सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय लोकदल (सांसद) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा और कहा कि गन्ना मूल्य जल्द से जल्द घोषित किया जाए। इसी बीच 14 जनवरी को हैशटैग अभियान चलाया गया जिसमें यह अभियान देश में 5वें नम्बर पर आया। तीसरा चरण 22 जनवरी से आरम्भ है, जिसमें राष्ट्रीय लोकदल के नेता व कार्यकर्ता गाँव गाँव जा रहे हैं और अन्नदाताओं की पीड़ा को पत्र में लिखवा रहे हैं।
27 जनवरी को पुनः हैशटैग अभियान चलाया जाएगा और 31 जनवरी को पत्रों को उसी प्रकार से पोस्ट किया जाएगा। आज देश में राष्ट्रीय लोकदल इकलौती ऐसी पाटी है जो किसानों के लड़ाई की ध्वजवाहक बन चुकी है। जब तक गन्ना किसानों को लाभकारी मूल्य, बकया भुगतान एवं आवारा पशुओं से निजात नहीं मिल जाती, तब तक किसान सन्देश अभियान जारी रहेगा। दिलनवाज खान पूर्व विधायक क्षेत्रीय संगठन महासचिव मौजूद रहें।

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