LGBTQIA Full Form: सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2018 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. इस दिन भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 377 के उस प्रावधान को बदल दिया गया था, जिसमें एक ही जेंडर के दो लोगों का आपस में संबध बनाना अवैध माना जाता था. सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को वैध करार देते हुए यह फैसला सुनाया कि सेक्शुअल ओरियंटेशन प्राकृतिक होता है और लोगों का उसके ऊपर कोई नियंत्रण नहीं होता. 

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने एलजीबीट (LGBT) कम्युनिटी को समाज में बराबरी की जगह दी. बाद में LGBT में Q के बाद I और A भी जुड़ गया और अब इस कम्युनिटी का पूरा नाम LGBTQIA हो गया है. आपमें से बहुत से लोग LGBT का मतलब तो जानते होंगे, लेकिन शायद ही कोई Q, I और A का मतलब जानता होगा. अगर आपको भी इनका मतलब नहीं पता है तो आज हम आपको इन सबका मतलब बताने जा रहे हैं. बस पढ़ते रहिए इस खबर को…

L फॉर लेस्बियन

जब कोई महिला किसी पुरुष से आकर्षित न होकर महिला से आकर्षित होती है तो उसे लेस्बियन (Lesbian) कहा जाता है. लेस्बियन सेक्स में दोनों पार्टनर महिलाएं होती हैं.

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G फॉर गे

इसी प्रकार अगर कोई पुरुष समान लिंग यानी किसी पुरुष पर ही मोहित होता है तो उसे गे (Gay) कहते हैं. इसमें दोनों ही पार्टनर पुरुष होते हैं.

B फॉर बाईसेक्शुअल

अगर कोई पुरुष या महिला दोनों तरह के लिंग से आकर्षित होता है या होती है तो उसे बायसेक्सुअल (Bisexual) कहा जाता है. महिला और पुरुष दोनों ‘बाईसेक्शुअल’ हो सकते हैं. इसमें दोनों पार्टनर समान या विपरीत लिंग के हो सकते हैं.

T फॉर ट्रांसजेंडर

जब किसी का शरीर पुरुष का हो, लेकिन वह खुद को महिला जैसा महसूस करता हो या फिर फिर शरीर महिला का लेकिन उसे पुरुष जैसा महसूस होता तो वह ट्रांसजेंडर की कैटेगरी में आता है. जन्म के समय मिले लिंग से अलग भाव के कारण भी ऐसा हो जाता है. बहुत से लोग मर्ज़ी का लिंग चुनने के लिए आगे चलकर अपना लिंग परिवर्तन भी कराते हैं. लड़कियों वाले हार्मोंस से पुरुषों के स्तनों का विकास हो जाता है और लड़कियां भी चिकित्सा के सहारे पुरुष बनती हैं.

Q फॉर ‘क्वीयर’

क्वीयर कैटेगरी वाले लोग अपनी गिनती LGBT में नहीं करते. वो खुद को इससे परे देखते हैं. इसीलिए ‘क्वीयर’ के ‘Q’ को ‘क्वेश्चनिंग’ भी कहा जाता है, क्योंकि ये लोग अपनी शारीरिक चाहत तय नहीं कर पाते हैं. इसीलिए ऐसे लोगों को क्वीयर का नाम दिया जाता है.

I फॉर इंटरसेक्स

इंटरसेक्स की कैटेगरी में वो लोग आते हैं जो शारीरिक यौनांग से न पुरुष है और न ही महिला. इनके यौनांग का निर्धारण नहीं हो पाता है.

A फॉर एसेक्शुअल

जिसे पुरुष और महिला दोनों के साथ सेक्स में रूचि नहीं होती है उन्हे एसेक्शुअल कैटेगरी में रखा जाता है.

इनके अलावा A फॉर ऐलाए भी होता जो उन लोगों के लिए इस्तेमाल होता है जो LGBTQIA का तो हिस्सा नहीं हैं, लेकिन उनके अधिकारों का पूरा समर्थन करते हैं.

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