Modinagarसोमवार को ज्येष्ठ माह की अमावस्या पर सुहागिन महिलाओं ने स्थिर योग और कृति नक्षत्र में वट वृक्ष का पूजन कर अखंड सौभाग्य की कामना की। साथ ही कथा श्रवण कर परिवारिक कल्याणए रिद्धि सिद्धि, सुख-समृद्धि की कामना के साथ विह्नहर्ता भगवान गणेश व माता गौरा का पूजन किया। भोर पहर से ही वट वृक्ष के पूजन के लिए महिलाओं की भीड़ पहुंचना शुरू हो गई। शुभ मुहुर्त समय सात बजे से 9.40 बजे तक विशेष पूजन किया।
शहर में चौरासी घंटेश्वर मंदिर, शिव मंदिर, छतरी वाला मंदिर, मोदी मंदिर, सनातन धर्म मंदिर सहित कई स्थानों पर प्राचीन वट वृक्ष के पास सुबह से ही महिलाओं का पहुंचना शुरू हो गया और वृक्ष के नीचे दीप प्रज्जवलित कर जल अर्पित किया। इसके बाद वट वृक्ष के तने पर कच्चा सूत लपेटते हुए सुहागिनों ने परिक्रमा की। भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए महिलाओं ने सावित्री और सत्यवान की कथा का श्रवण किया। अंशु जैन ने बताया कि परिवार के साथ वट वृक्ष का पूजन कर रही है। मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे पूजन करने पर यमराज ने सावित्री के पति सत्यवान को जीवनदान दिया था। सनातन संस्कृति के अनुसार वट वृक्ष के ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इसलिए वट वृक्ष पूजन करने से पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और सुखद वैवाहिक जीवन का आशीष मिलता है। महिलाओं ने वट सावित्री पूजन किया और सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए कामना की। हालांकि कई सुहागिनों ने घर पर वट वृक्ष के तने को गमले में लगाकर पूजन किया। महिलाओं की कई संस्थाओं ने पर्यावरण संरक्षण के लिए वट वृक्ष के पौधे पार्कों में लगाने का संकल्प लिया।

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