Modinagar। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वः चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि पर मोदीनगर बस स्टैंड के सामने स्थिती उनकी प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण किया। उनके अनुयायियों ने उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश भी डाला।
भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष देवेंद्र चौधरी ने स्वः चौधरी चरण सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चौधरी साहब को किसानों का मसीहा ऐसे ही नहीं कहा जाता था, गांव, गरीब, किसानों के शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री से ज्यादा एक किसान व सामाजिक कार्यकर्ता मानते थे, किसानों के हित में हमेशा उनकी सभी ने सराहना की। भूमि हदबंदी कानून उनके कार्यकाल की विशेषता है। वर्ष 1952 में उन्हें जमीदारी उन्मूलन विधेयक पास किया। जिसकी वजह से पटवारियों में विरोध हो गया। लेकिन चैधरी साहब ने किसानों के हक में किसी की नहीं सुनी, इसी के चलते 27000 हजार पटवारियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया था, लेकिन चैधरी साहब घबराएं नहीं बल्कि नए सिरे से पटवारियों की नई भर्ती की। जिसे आज लेखपाल कहा जाता है, जो भी चौधरी साहब के फैसले होते थे, वह किसान मजदूर के हित में होते थे। चौधरी साहब किसानों से कहा करते थे, कि नजर किसान की अपनी खेती पर होनी चाहिए तो दूसरी नजर दिल्ली पर भी रखनी चाहिए। बाबा परमेन्द्र आर्य ने कहा कि चौधरी चरण सिंह एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेकर भारत के प्रधानमंत्री के शिखर पद तक पहुंचे थे। चौधरी साहब कहते थे, कि मेरे संस्कार उस गरीब किसान परिवार के संस्कार हैं, जो धूल और कीचड़ के बीच एक छप्परनुमा झोंपड़ी में रहता है। अंग्रेजों के विरुद्ध स्वतंत्रता की लड़ाई में भी चौधरी चरण सिंह जी ने खूब बढ़ चढ़कर योगदान किया था। उसके फलस्वरूप उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। चौधरी साहब कहते थे, कि राष्ट्र तभी सम्पन्न हो सकता है। जब उसके ग्रामीण क्षेत्र का उन्नंयन किया गया हो तथा ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति अधिक हो। चौधरी साहब ने आजीवन किसान हित में कार्य किए। इस अवसर पर जितेंद्र चितौड़ा, धर्मेंद्र शर्मा, राहुल गोस्वामी, मनोज चौधरी, नितिन मित्तल, गौरव राठी, कृष्ण गोपाल, शिवम शर्मा, मुकेश चैहान, गौरव शर्मा व अन्य किसान मोर्चा के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहें।