Modinagara। शहर में निजी अस्पताल का जंगलराज तेजी से बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर शहर के बाहरी इलाको या हाइवे पर बनने वाले अस्पतालों व नर्सिंगहोम में मरीजो की जान को ताक पर रखकर अपने वारे न्यारे किए जा रहे है। हालत यह है कि अस्पताल में आने वाले मरीजो का किसी प्रकार का रिकाॅर्ड अस्पताल या नर्सिंगहोम में ऑन पेपर नहीं रखा जा रहा है। मरीज कब आया, कितना उसके इलाज का बिल बना, कितनी दवाइयां बेची गई, यहां तक की जांच तक का रिकार्ड अस्पताल में नहीं रखा जा रहा है। शहर में दर्जनों की तादात में बने अस्पताल व नर्सिंगहोम मरीज के डिस्चार्ज के समय दवा या इलाज का पक्का बिल बनाकर नहीं दे रहे है। इसके बावजूद भी इन पर कोई कार्रवाही नहीं करता है।
दरअसल मरीजो से वसूले गए बिल का टैक्स बचाने के उद्देश्य से निजी अस्पताल मरीजों की रिकाॅर्ड ही नहीं रखते इस बिल को ब्लैक मनी के तौर पर एकत्र किया जा रहा है। जिसका कोई टैक्स देय नहीं हो रहा है। दवाओं को भी मनमाने दाम पर बेचकर टैक्स बचाया जा रहा है। जिससे सरकार को लाखों के राजस्व की हानि भी हो रही है।
