Modinagar। विधानसभा चुनाव के दौरान बुलडोजर बाबा के नाम से विख्यात हो चुके सीएम योगी आदित्यनाथ के जमीन कब्जा मुक्त अभियान को मोदीनगर शहरी व शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में भूःमाफिया खुली चुनौती दे रहे हैं। गतदिनों पूर्व निवाड़ी रोड, दिल्ली- मेरठ मुख्य मार्ग, हापुड रोड स्थित मोती सिटी सहित अन्य स्थानों पर गाािजयाबाद विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन जोन-2 प्रभारी गुंजा सिंह के नेतृत्व कब्जामुक्त कराई गई अवैध काॅलोनियों पर कुछ भूः माफिया व अवैध प्रोपर्टी डीलरों ने दोबारा से कब्जा करना शुरू कर दिया है। ढहाई गईं दीवारों को फिर से खड़ा किया जा रहा है। ध्वस्त प्लाट की दीवारों को भी दोबारा से दुरुस्त किए जा रहा हैं। इसके बाद भी अब जिम्मेदार अफसर आंखे मूंदे बैठे हैं।
यह है मौजूदा हाल
ब्ताते चले कि निवाड़ी रोड, हापुड, रोड, कादराबाद आदि स्थानों पर स्थानीय तहसील प्रशासन व गााजियाबाद विकास प्राधिकरण की टीम ने अलग- अलग स्थानों पर अवैध काॅलोनियों व सरकारी जमीन पर किए गये अवैध कब्जों के विरूद्व अभियान चलाया था, ओर करोड़ों की जमीन कब्जामुक्त भी कराई थी। अफसरों का दावा था, कि कुछ प्रापर्टी डीलरों ने सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। बिना अभिलेखों के सररकारी भूमि को नीजी कृषि भूमि में मिला लिया था। तहसील की राजस्व टीम ने निर्माण को ध्वस्त कर दिया था।
दोबारा से शुरू हुआ कब्जा
प्रशासन ने कार्रवाई के बाद जमीन को ऐसे ही छोड़ दिया। अब फिर से कब्जा शुरू कर दिया है। ध्वस्त दीवारों को नए सिरे से खड़ा किया जा रहा है। इतना ही नही तेजी से निर्माण कार्य किया जा रहा है। वहीं, प्रशासनिक अफसर इस प्रकरण में चुप्पी साधे हुए हैं। अवैध कब्जा रोकने के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को भी इस अवैध निर्माण की भनक तक नहीं है। इसी के चलते भूःमाफिया के हौंसले बुलंद हैं। इतना ही नही गाािजयाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा कृषि भूमि में काटी जा रही अवैध काॅलोनियों के विरूद्व चले बुलडोजर के बाद फिर से दोबार से प्रोपर्टी डीलर ध्वस्त की गई काॅलोनियों में काम करते नजर आ रहे है। इतना ही नही दर्जनों अवैध काॅलोनियों में बिजली के खम्बे भी लगा दिये गये है ओर लोगों को कृषि भूमि की रजिस्ट्री भी प्लाटिंग में बिना भूः उपयोग परिवर्तन के जारी है।
इस संबन्ध में उपजिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला का कहना है कि सरकारी जमीनों को कब्जामुक्त करने के लिए सरकार बेहद संवेदनशील है। अगर ऐसा कोई मामला है तो इसकी जांच कराई जाएगी। तत्काल जमीन को कब्जामुक्त कराया जाएगा। इसके साथ ही संबंधित कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी। सरकारी जमीनों को कब्जामुक्त कराने का अभियान निरंतर चलता रहेगा।