Modinagar। आपने अक्सर घरों, दुकानों, दफ्तरों और अन्य भवनों के दरवाजे के सामने यहां तक की आटो, रिक्शा, ट्रक और दूसरे वाहनों में कही न कहीं नीबू-मिर्च लटकता हुआ जरूर देखा होगा। यहां तक कि फ्रांस से आए राफेल लड़ाकू विमान के टायर के नीचे भी नीबू रखने की खासी चर्चा रही थी।
वैज्ञानिक मान्यताओं के विपरीत आज भी नजर उतारने के लिए नीबू-मिर्च का भी प्रयोग किया जाता है। नीबू महंगे होने से नजर उतारना भी महंगा हो गया है। नीबू के दाम 300-350 रुपये प्रति किलो हैं।
सब्जी के थोक व्यापारी अयूब खान बताते हैं कि इस साल नीबू के बाजार में रिकार्ड तोड़ महंगाई है। यह सब गर्मी जल्दी शुरू होने और फसल देरी होने के कारण है। इधर रमजान में भी नींबू की डिमांड बढने से नींबू महंगा हुआ है।
नीबू व मिर्च का असर इतना पड़ा कि रसोई से लेकर होटलों में सलाद की प्लेट से गायब हो गया। वहीं शनिवार को नजर उतारने के लिए बेचने वालों ने नीबू महंगा कर दिया।
नीबू व मिर्च महंगा होने से पहले एक नीबू व पांच मिर्च धागा में पिरोकर 10 रुपये का मिल जाते थे। अब वही नीबू व मिर्च 20 रुपये का हो गया है। बेचने वाले भी कम हो गए है। पहले बेचने वाले कई लोग कार्यालयों व बाजारों में चक्कर लगाते थे, वे भी शनिवार को कम नजर आते हैं। महंगा होने के कारण लोगों ने भी खरीदना कम कर दिया है।
अलग-अलग है मान्यता
आज भी लोग मानते हैं, कि अपने संस्थानों और दफ्तरों के बाहर नीबू-मिर्ची लटका कर अपने व्यवसाय को बुरी ताकत व नकारात्मक शक्ति से बचाने तथा शुभ फल प्राप्त करने के लिए यह टोटका बहुत ही कारगर है। कुछ लोग इसे चमत्कारिक और किसी प्रकार की तांत्रिक उपाय समझते हैं। कुछ इसे एक धार्मिक परंपरा मानते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे केवल एक अंधविश्वास की तरह भी देखते हैं।
नीबू मिर्च के टोटके के पीछे विज्ञान का तर्क
पुराने जमाने में कीटनाशक नही होते थे, इसलिए वे नीबू-मिर्च टांगकर कीटों को अपने घरों और दफ्तरों से दूर रखते थे। आपको पता होगा नीबू और मिर्च में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और जब इसे धागे में पिरोया जाता है तब धागा उनके रस को अवशोषित कर लेता है और धीरे-धीरे वातावरण में इसकी महक फैला देता है, जिससे कीड़े-मकौड़े दूर भाग जाते हैं व साथ ही इसके सुगंध को सूंघना इंसानों के लिए स्वास्थ्यवर्धक भी होता है।