Disha Bhoomi

Modinagar –  नवरात्र प्रारंभ हो चुके है, लेकिन अभी तक भी उपजिलाधिकारी व खाद्य निरीक्षक ने शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कुट्टू के आटे की जांच किये जाने की जेहमत तक नहीं उठाई है। गतवर्षो पूर्व कुट्टू का आटा खाने से कई लोगों के बीमार होने व अस्पताल में मौत जिंदगी से कई दिनों तक संघर्ष करने जैसी घटना को शायद हम भूल गये है। पिछले वर्षों में इन दिनों ने अभियान चलाकर किरानें की दुकानों पर बिक रहे पुरानें कुट्टू के आटे को दुकानों से हटवा दिया था।
गौरतलब है कि गतवर्षों पूर्व थाना क्षेत्र के कई स्थानों पर एक ही परिवार की तीन महिलाओं और दो किशोरियों ने नवरात्र का व्रत खोलने के लिए कुट्टू से बने पकवान का प्रयोग किया था। जिसे खाकर परिवार के सदस्यों को उल्टी और दस्त शुरू हो गये थे। हालत ज्यादा बिगडने पर सभी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इासके बाद चेते पुलिस प्रशासन ने दिल्ली- मेरठ हाइवे पर स्थित दो दुकानों को सील कर बरामद कुट्टूू के आटे की सैंपलिंग के लिए भेजा था, इतना ही नही आरोपी दुकानदार के विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी। आटा खानें से हुए हादसे के बाद नवरात्र के व्रत कर रहे भक्तजनों में खौफ व्याप्त हो गया था। लोग कुट्टूू खानें और खरीदनें से परहेज करते नजर आने लगे थे। इसके अलावा भी कई स्थानों पर इस तरह के हादसे हुये थे, लेकिन इस वर्ष प्रशासन ने ऐसे दुकानदारों को ढ़िलाई दी हुई है। प्रशासन ने अभी तक भी इस ओर कोई अभियान चलाये जाने की जेहमत तक नही उठाई है। लगता है कि उसे किसी बड़े हादसे का इंतजार है। इस संबन्ध में जब खाद्य निरीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नही हो सकी।

 

 

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