Modinagar । साहित्य मंच द्वारा एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें प्रसिद्व कवियों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का मनमोह लिया ओर जमकर तालियां बटोरी।
कृष्णानगर काॅलोनी स्थित डाॅ0 हरिदत्त गौतम के आवास पर आयोजित काव्य गोष्ठी का शुंभारभ डीएस राजपूत व ब्रजकण द्वारा सयुक्त रूप से मां सरस्वती वंदना से किया गया। प्रसिद्व कवि प्रदीप भारद्वाज ने आतंकियों की क्रूरता पर पढ़ी गई रचना को मुक्त कंठ से सराहना की। कवि रवीन्द्र शर्मा ने, वह शहर किसने जलाया, यह ज्ञान होना चाहिए ’आग किस किस ने लगाई, पहचान होनी चाहिए’ चाकू छुरे बन्दूक पत्थर किस सियासत ने दिये ’उन मौत के आकाओं पर संधान होना चाहिए, गिरिगिट सोच रहा अपना नाम बदलने की, बहुरंगी राजनीतिक चैसर के रंग देखकर। कवयित्री पुष्पा शर्मा की रचना को खूब दाद मिली जब उन्होने पढ़ा. होली आई रंग रंगीली, मुझको आकर तंग करें, एक हाथ में हो पिचकारी, और दूजे में रंग भरे। डी एस राजपूत ब्रजकण ने ’ब्रज की गलियन’ में गीत पढ़कर समा बाॅधा। राम कुमार गुप्ता सौमित्रश् ने होली का संदेश देते हुए कहा कि ’हटा मुखौटे गले मिलें हम, मिल जुल गावें टोली में’ खुशियों की सौगात बाँट दें, दीन दुखी की झोली में। सरस्वती शिशु मन्दिर के प्रधानाचार्य जगवीर शर्मा जलज ने तालियों के बीच उन्होंने कहा, जीवन में रंग भरे, मन में उमंग भरे, पुष्प की तरह सदा यूं ही मुस्काइयें, रुके नहीं कोई काम, हरि को करो प्रणाम, भाग्य वाली तस्वीर कर्म की सजाइये। डाॅ हरिदत्त गौतम अमर ने अपने रचना पाठ में गोष्ठी की महफिल ही लूट ली। नववर्ष व वसंत आगमन की रचना के आनन्द से गोष्ठी का वातावरण आच्छादित हो गया। कान्हा की होली की रचना में तो गोष्ठी सराबोर हो गई। प्रसिद्व कपिल वैरागी, बलवीर खिचड़ी की रचना को सराहना मिली। अन्त में डा0ॅ सुरेन्द्र सिंह अत्रीश ने अध्यक्षीय रचना पाठ करके गोष्ठी का गरिमामयी समापन किया। अध्यक्षता डाॅ0 सुरेन्द्र सिंह अत्रीश व संचालन जगवीर सिंह शर्मा जलज ने किया। कार्यक्रम में श्रीमती शशि गौतम, अनिला आर्य,श्रद्धानंद शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति रही।