मोदीनगर। ब्लाक विकास खण्ड ही नही बल्कि प्रदेशभर के नौनिहालों की अब ओएमआर शीट पर परीक्षा कराई जाएगी। ये परीक्षा अद्र्ववार्षिक या वार्षिक नहीं होगी बल्कि रीड एलांग योजना के तहत रियल टाइम एसेसमेंट कर विद्यार्थियों को बौद्धिक रूप से मजबूत करने के लिए होगी। यह पहला मौका होगा जब बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी ओएमआर शीट पर परीक्षा देंगे। परीक्षा के बाद सरल जो कि स्कैनिंग एप है, उसके जरिए तत्काल मूल्यांकन कर रियल टाइम एसेसमेंट होगा। विद्यार्थियों की प्रगति के आधार पर शिक्षकों की जवाबदेही भी तय होगी।
प्रेरणा लक्ष्य पर दिए प्रश्नों के उत्तर ओएमआर शीट पर दिए जाएंगे
सरल एप टेक्निक को राज्य परियोजना से मंजूरी भी मिल गई है। स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) सदस्यों को इसे लांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके तहत विद्यार्थी प्रेरणा लक्ष्य पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर ओएमआर शीट पर देंगे। उत्तरों को जैसे ही स्कैन कर शिक्षक सरल एप पर अपलोड करेंगे तो विद्यार्थी की खामी, खूबी व पूरी क्षमता मालूम पड़ जाएगी। विद्यार्थी को हर परिस्थिति में पढ़ाई से जोड़े रखने व उसकी खामी को दूर कर गुणवत्तापरक शिक्षा देने का काम किया जाएगा। यह व्यवस्था भोजपुर ब्लाक के अन्तर्गत ही नही बल्कि प्रदेश के हर सरकारी स्कूल के लिए होगी।
प्राइमरी स्तर पर 15 प्रश्न व जूनियर हाईस्कूल स्तर पर 25 प्रश्न होंगे। हर सवाल तीन अंकों का होगा। प्रेरणा लक्ष्य एक से पांच तक ही निर्धारित है इसलिए अभी इसको एक से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ही रखा गया है।
शिक्षक करेंगे पेपर तैयार
हर दो हफ्ते में शिक्षक ने जो पढ़ाया है, उसका एसेसमेंट होगा। ओएमआर शीट आधारित एसेसमेंट पेपर शिक्षक को तैयार करने होंगे। अगर पेपर तैयार नहीं कर पा रहे तो प्रेरणा एप पर एसेसमेंट पेपर अपलोड हैं। वहां से मदद ले सकते हैं।
शिक्षकों की तय होगी जवाबदेही
विभागीय सूत्रों के अनुसार बच्चें की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षक की जवाबदेही भी तय होगी। यह रिपोर्ट शासनस्तर पर प्रदर्शित होगी। इसलिए इसकी भी संभावना जताई जा रही है कि शिक्षकों के प्रमोशन व वेतन वृद्धि भी इसके आधार पर तय होगी।
सहायक बेसिक शिक्षाधिकारी का कहना है कि यह व्यवस्था शासनस्तर से विद्यार्थियों को बौद्धिक रूप से मजबूत करने के लिए की गई है। इस पर मजबूती से काम किया गया है, इसकी रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाएगी। उम्मीद है कि दिसंबर से पहले ही इसका क्रियान्वयन किया जाए।