गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल सकी है। लोग आसमान की ओर रोज टिकटकी लगाए देखते हैं, लेकिन राहत के बादल कहीं नजर नहीं आते। दोपहर के समय लोग गर्मी के कारण पसीने से तरबतर हो रहे हैं। लू के थपेड़ों से भी राहगीरों को जूझना पड़ता है। खासकर दुपहिया वाहन चालकों को हर कोई गर्मी से बचने के लिए उपाय कर रहा है, लेकिन बिना बारिश राहत नहीं मिल पा रही।

बारिश के इंतजार में किसान

मंगलवार को सुबह हवा चली तो मार्निंग वाक पर निकले लोगों को राहत मिल गई। लेकिन नौ बजे से तापमान बढ़ने लगा। चटक धूप सताने लगी। पिछले कई दिनों से तापमान में साथ-साथ गर्मी भी बढ़ रही है। गर्मी से राहत के लिए लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं। ताकि तापमान में कमी आए और गर्मी राहत मिल सके। किसान भी बारिश की बाट जोह रहे हैं। दरअसल, धान की नर्सरी तैयार होने के बाद रोपाई शुरू हो गई है। इसके लिए भरपूर पानी चाहिए। नलकूपों से पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाती। लागत अधिक आती है, बिजली न आने की समस्या भी है। ज्यादातर किसान बारिश पर भी निर्भर हैं। बारिश जल्द न हुई तो धान की पौध सूखने या रोगग्रस्त होने का डर है।

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