मोदीनगर। गर्भवती को स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए केन्द्र सरकार द्धारा संचालित योजना में वित्तीय सहायता दी जाती है। गर्भवती को यह वित्तीय सहायता तीन किश्तों में दी जाती है। पहली किश्त के रूप में एक हजार रुपये गर्भवती होने पर आंगनबाड़ी केंद्र पर पंजीकरण कराने के समय दिए जाते हैं। दूसरी किश्त गर्भावस्था के छह माह बाद जांच कराने पर दी जाती है। दूसरी किश्त में दो हजार रुपये दिए जाते हैं। डिलीवरी के बाद बाकी रकम तीसरी किश्त के रूप में दी जाती है, लेकिन यह धनराशि महिला को बच्चे के जन्म पंजीकरण व टीकाकरण के बाद मिलती है।
केंद्र सरकार की ओर से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना भी शामिल है। जनवरी 2017 से शुरू हुई, इस योजना का लाभ गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है। इसके लिए महिला को गर्भवती होने पर सरकारी अस्पताल में पंजीकरण कराना होता है। पंजीकरण के बाद से बच्चे के जन्म होने तक उसे किश्तों में छह हजार रुपये दिए जाते हैं। इस योजना के तहत तहसील क्षेत्र में अब तक हजारों महिलाओं को लाभ दिया जा चुका है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस योजना का लाभ नीजी अस्पताल में प्रसव कराने वाली महिलाएं भी ले सकती हैं। इसके लिए गर्भवती का किसी भी सरकारी अस्पताल में पंजीकरण होना अनिवार्य होगा। इसके बाद प्रसव किसी निजी अस्पताल में हुआ हो वह भी क्लेम कर सकती है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक डाॅ0 करन ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को दिया जाता है। इस योजना में सीधे लाभार्थी के खाते में पैसा आता है। योजना में पारदर्शिता रहे, इसके लिए अभी तक बांटे गई धनराशि की जांच कराई जा रही है।