जिलाधिकारी के सख्त तेवर के चलते कही भी मांगुर मछली का पालन होता पाया गया तो सख्त कार्रवाही होगी।
बताते चले कि हालही में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने थाई मांगुर मछली पालन को प्रतिबंधित कर एसडीएम को ऐसे मछली पालकों को चिन्हित कर थाई मांगुर मछलियों को नष्ट कराने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद मोदीनगर एसडीएम आदित्य प्रजापति के तेवर भी सख्त हो गये है ओर उन्होंने चेतावनी दी है कि प्रतिबंधित मांगुर मछली के पालन पर तस्करों की अब खैर नहीं है। तहसील प्रशासन ने इसको लेकर व्यापक योजना तैयार की है। हल्का लेखपालों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय कर निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मांगुर मछली के पालन की रिपोर्ट दें। यदि उनके क्षेत्र में कहीं भी मांगुर मछली का पालन होता मिला तो जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी।
एसडीएम आदित्य प्रजापति ने बताया कि निवाड़ी थानान्तर्गत गांव झलावा में कई तालाबों में पिछले दिनों प्रतिबंधित मांगुर मछली का पालन होता मिला था। पुलिस और मत्स्य विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई की गई और तालाब को खुर्द बुर्द करते हुए मछलियों को भी जमीन में दबवाया गया था। प्रजापति ने बताया कि क्षेत्र में तमाम तालाबों की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। जहां भी मछली पालन हो रहा है, उसकी जांच कराई जा रही है। यदि उसमें सामान्य मछली का पालन हो रहा है तो उसके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, अन्यथा लेखपालों को आदेश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे मामलों पर नजर रखें। उन्होंने बताया कि बताया कि मांगुर मछली सरकार द्वारा प्रतिबंधित है। इसके सेवन से कैंसर, त्वचा व श्वास रोग आदि घातक बीमारी होती हैं, जिसके चलते इसके पालन, लाने ले जाने पर भी पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है।