केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के विरोध में शनिवार को मेरठ और सहारनपुर मंडल के जिलों में भाकियू कार्यकर्ताओं ने बिल की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया और इस संबंध में अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा गया। मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, बागपत और सहारनपुर में भारतीय किसान यूनियन क कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
पांच जून को कृषि कानूनों के लागू हुए एक वर्ष पूरा होने पर भारतीय किसान यूनियन ने शनिवार को जिले में कई जगह विरोध-प्रदर्शन किया। भाकियू पदाधिकारियों ने पर्यावरण दिवस का हवाला देकर कलक्ट्रेट पर कृषि कानून की प्रति फाडी तो वहीं मवाना तहसील और सिवाया टोल पर प्रति जलाकर विरोध जताया। कलक्ट्रेट पर भाकियू ने प्रधानमंत्री के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कलक्ट्रेट पर कई थानों की पुलिस फोर्स मौजूद रही। भारतीय किसान यूनियन ने जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ईकडी के नेतृत्व में भाकियू पदाधिकारी कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने कहा कि एक साल पूरा होने पर वह कृषि कानूनों की प्रति जलाने की बजाय फाड़कर विरोध दर्ज करेंगे। इस दौरान भाकियू के विरोध प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया
सीओ के साथ सदर बाजार, सिविल लाइन, ब्रहमपुरी समेत कई थानों की पुलिस फोर्स लगा दी गई। एसडीएम सदर पर एक मामले में गलत तरीके से जेल भेजने का आरोप लगाते हुए भाकियू कार्यकर्ता विनोद जटौली ने जमकर हंगामा किया। बाद में सिटी मजिस्ट्रेट सतेंद्र कुमार सिंह ने आश्वासन देकर शांत किया। बाद में भाकियू पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ईकडी के नेतृत्व में सिटी मजिस्ट्रेट को प्रधानमंत्री के नाम सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
शामली में कृषि कानून के विरोध में भाकियू के कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालय पर बिलों की प्रतियां जलाई। इसके बाद यहां से पूरा अमला शाहजहांपुर धरना स्थल के लिए रवाना हो गया। जिले में किसानों ने किसान बिल के खिलाफ कलक्ट्रेट में किया प्रदर्शन, भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने किसान बिल की जलाई प्रतियां, नारेबाजी करते हुए कानून रद करने की उठाई मांग। बकाया गन्ना भुगतान व बिजली समस्या के समाधान को लेकर की गई पुरजोर वकालत। किसान यूनियन व भाकियू ने सौंपा एडीएम को ज्ञापन। वहीं मवाना में भाकियू पदाधिकारियों ने तहसील पहुंचकर कृषि कानून वापसी की मांग कर प्रतिलिपियां जलाईं।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन पदाधिकारी शनिवार को कृषि कानून वापस लेने व एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी दिए जाने की मांग को लेकर शनिवार शाम चार बजे मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री को ट्वीट करेंगे। यह जानकारी देते हुए संगठन के मंडल अध्यक्ष चौ. रामवीर सिंह ने बताया कि संगठन द्वारा धरने-प्रदर्शन के माध्यम से अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं, लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है। कोरोना काल के चलते धरना-प्रदर्शन के बजाय संगठन हाईकमान के निर्देशानुसार उपरोक्त दोनों मुद्दों को लेकर ट्वीट करेंगे। कृषि कानून वापस लेने समेत किसानों की कई समस्याओं को लेकर किसान मजदूर संगठन के पदाधिकारी शनिवार को तहसील में एसडीएम को ज्ञापन देंगे।
शामली में कृषि बिल व बकाया गन्ना भुगतान न होने के विरोध में किसानों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान के नेतृत्व में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कृष बिल के विरोध में जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि कृषि बिल किसान विरोध है। इसमें किसानों के हितों की अनदेखी की गई है। इस दौरान भाकियू जिलाध्यक्ष व किसानों ने किसान बिलों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया। किसानों ने कहा कि जिला शामली में किसानों के बकाया गन्ना भुगतान की बुरी स्थिति है। बिजली के बिलों में मनमानी हो रही है। किसानों के बिल बढ़कर आ रहे है। बच्चों की शिक्षा, शादियों और परवरिश को लेकर मुश्किलें सामने है, लेकिन सरकार को इसकी जरा भी परवाह नहीं है। किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
मुजफ्फरनगर में अपनी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम सदर के कार्यालय पर प्रतियां फुकीं और उसके बाद डीएम कार्यालय की ओर चल दिये। मीनाक्षी चौक पर भाजपा कार्यकर्ताओं को डीएम कार्यालय जाने से रोकते हुए पुलिस की झड़प भी हो गई उसके बाद कार्यकर्ता आर्य समाज रोड होते हुए महावीर चौक पहुंचे जहां वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। यहां पर काफी देर तक अफरातफरी के हालात बने रहे।