मोदीनगर। कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन लगा है। घरों में कैद रहकर लोगों ने तकनीकी के सहारे अपने कार्यों को पूर्ण किया। चाहे शिक्षा की बात हो या बैंकिग संबधी कार्य या फिर अधिकारियों से शिकायत या शिकायतों के निपटारे सभी में तकनीकी बेहद काम आई। लॉकडाउन ने लोगों को घरों में रहने की आदत डाल दी। सरकारी व निजी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नये नये प्रयोग किये गये। सभी दफ्तरों के कार्यो को घर पर ही बैठकर निपटाया गया।
शारीरिक दूरी के इस समय में तकनीकी एक हथियार बनकर उभरी है। छोटी पढ़ाई के लिये छात्रों को अब वाट्सअप पर गुरुजी ज्ञान दे रहे हैं। बैंकिग के क्षेत्र में भी अब आनलाइन है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये किये गये प्रयोगों में तकनीकी प्रयोग सबसे कारगर साबित हुआ है। ऑनलाइन लाइव बातचीत, वीडियो कांफ्रेसिंग आदि तंत्र कार्य निपटाने में हथियार बनकर उभरे हैं।

बच्चों को आनलाइन पढ़ाई के लिये ग्रुप बनाकर वाट्सएप के माध्यम से पढाई कराई जा रही है। सुचेतापुरी काॅलोनी निवासी सर्विस क्लाश युवक उपेन्द्र यादव का कहना है कि शारीरिक दूरी का पालन करने के लिये घर पर ही रहकर सभी जरुरी कार्यों को निपटाने के लिये इंटरनेट एक बेहतरीन माध्यम साबित हुआ है। सभी जरूरी कार्य घर से ही पूर्ण हुए हैं।

कमल इंटर काॅलिज के प्रबंधक व वरिष्ठ शिक्षक कालूराम धामा का कहना है कि लॉकडाउन के पहले तक ऑनलाइन शिक्षण की बात आते ही कई तरह की अड़चनें आनी शुरू हो जाती थी। लिहाजा स्कूल और काॅलेज इसे शुरू नहीं कर पा रहे थे। लॉकडाउन में शिक्षण कार्य अब ऑनलाइन ही हो रहा है। अभिभावकों का भी इसमें पूरा सहयोग मिल रहा है। दिन प्रतिदिन बच्चों में भी रुचि बढ़ती जा रही है। बच्चें और शिक्षक भी इसमें लगातार दक्ष होते जा रहे हैं।

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