इसे खर्चा कम करने की कवायद कहें या फिर तंदरूस्त रहने की चाहत, कारण चाहे जो भी हो, पर बीते कुछ दिनों में लोगों का साईकिल की ओर रूझान बढ़ गया है।
लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियों में छूट मिलने के बाद कई लोग लाॅकडाउन के बावजूद आस पडौस से साईकिल मांगकर चला रहे है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन ने लोगों की आर्थिक, मानसिक एवं सामाजिक गतिविधियों पर चोट पहुंचाई है। अभी भी लोगों में वायरस के संक्रमण का खतरा बना हुआ है, वहीं आर्थिक गतिविधियां थमने से आमदनी कम हो गई है। ऐसे में कई लोगों का रूझान साईकिल की ओर मुड़ा है।
आर्थिक मोर्चे के अलावा तंदुरूस्त रहने की चाहत भी लोगों को साइकिल की तरफ मोड़ रही है। लाॅकडाउन के बाबजूद लोग आसपास व अपने पडौसियों से साईकिल मांगकर चलाकर अपनी तंदुरूस्ती को भी ठीक रख रहे है। गोविन्दपुरी काॅलोनी निवासी सुधीर त्यागी का कहना है कि साइकिल से कई छोटे मोटे काम आसानी से निपटा दिए जाते हैं, जबकि बाईक में खर्चा रहता है। साइकिल चलाने से सेहत भी सही रहती है।